फरीदाबाद: 27 जून । हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा बार बार दसवीं परीक्षा परिणामों की तारीखों में बदलाव करने को शिक्षाविद डॉ सतीश फौगाट ने चंडीगढ़ हाईकोई में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता डॉ सतीश फौगाट के वकील सुनील कुमार नेहरा ने माननीय न्यायाधीश रामेंद्र जैन की अदालत में याचिका पर अपना पक्ष रखा। जहां राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव को पार्टी बनाया गया था। मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई तय की गई है।याचिकाकर्ता डॉ सतीश फौगाट ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कोरोना काल में भी बच्चों से परीक्षा लेने की जिद की जा रही है। अधिकांश प्रवासियों के बच्चे अपने गृहजिलों की ओर रुख कर चुके हैं। माननीय अदालत को बताया है कि हमारे स्कूल में अधिकांश प्रवासी लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। जो कोरोना संक्रमण काल में अधिकांश अपने अपने गृह प्रदेशों की ओर रुख कर गए हैं। जिस कारण वह किसी भी प्रकार की परीक्षा में फिलहाल शामिल नहीं हो सकेंगे। इसलिए परीक्षाओं को कोरोना महामारी के नियंत्रित होने तक रोका जाए अथवा बच्चों के अब तक लिए जा चुके चार विषयों के प्राप्त अंकों के आधार पर पांचवें विज्ञान विषय के अंक देकर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाए। डॉ. सतीश कुमार फौगाट ने बताया कि हमने कोई अलग से मांग नहीं की बल्कि तर्कसंगत मांग की है। सीबीएसई की परीक्षाओं पर भी रोक लगा चुका है सुप्रीम कोर्टडॉ फौगाट ने बताया कि इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट सीबीएसई द्वारा परीक्षाएं घोषित करने की कोशिश पर रोक लगा चुका है। जिससे लाखों बच्चों को अब बिना परीक्षा दिए इंटर्नल एसेसमेंट के आधार पर अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा सकेगा। इससे पूर्व तेलंगाना शिक्षा विभाग करीब 5.50 लाख विद्यार्थियों का एसेसमेंट के आधार पर फाइनल परीक्षा परिणाम दे चुका है वहीं तमिलनाडू करीब नौ लाख परीक्षार्थियों का परिणाम देने की तैयारी कर रहा है।
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