Tuesday 7 July 2020

उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं की भर्ती का विरोध शुरू, एनसीआर चेंबर ने कहा निर्णय अव्यावहारिक व उद्योग विरोधी


गुरूग्राम, 7  जुलाई। हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को कैबिनेट की बैठक में हरियाणा प्रदेश की  औद्योगिक इकाइयों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को ही नौकरी पर रखने के प्रस्ताव औद्योगिक संगठनों द्वारा विरोध आरंभ हो गया है।
इस संबंध में एनसीआर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री गुरुग्राम के अध्यक्ष एच पी यादव ने कहा है कि इस तरह के फैसले पूर्णत: अव्यावहारिक ही नहीं उद्योग विरोधी हैं जो हरियाणा के उद्योग को पतन की ओर ले जाएंगे। कहा गया है कि इससे हरियाणा की इंडस्ट्री दुसरे राज्यों की ओर पलायन को मजबूर होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई हरियाणा केबिनेट की बैठक में हरियाणा के उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मजूरी दी गई है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर एनसीसी आई के अध्यक्ष एच पी यादव ने यहाँ जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इंडस्ट्री पहले ही वैश्विक आर्थिक मंदी और कोरोना की रोक थाम के लिए लागू देशव्यापी लॉक डाउन के कारण बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. अब प्रदेश सरकार का यह फैसला उद्योग को हतोत्साहित करने वाला है।
उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इससे हरियाणा से उद्योग का बड़े पैमाने पर पलायन होगा और यहां रोजगार के अवसर और कम होंगे एवं आर्थिक स्थिति और डवाडोल हो जायेगी।
श्री यादव ने जोर देते हुए कहा कि इस समय उद्योगों को पुन: खड़ा करने के लिए सरकार को आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी लेकिन इस मांग पर कोई तवज्जो नहीं दी गई और यह कुठारघात वाला फैसला ले लिए गया।सरकार के इस प्रकार के लोक लुभावन घोषणाओ से उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा भविष्य में निवेश की सम्भावनाये  भी कम हो जायेगी जिससे प्रदेश में भारी बेरोजगारी बढ़ जायेगी। इस फैसले का बेहद बुरा असर होगा और उद्योग धंधे चौपट हो जायेंगे। कहा गया है कि स्थानीय युवाओं को नौकरी में 75 प्रतिशत का आरक्षण देने के फैसले थोप कर उद्योगों में डर का माहौल पैदा किया जाए यह ठीक नहीं है।उन्होंने कहा कि तार्किक तौर पर सरकार किसी भी विभाग के लिए दक्ष व सक्षम व्यक्ति व कर्मी का चयन करना चाहती है फिर उद्योग जगत की गुणवत्ता कैसे बनी रह सकती है।उनका कहना है कि उद्योग जगत की भी उत्पादकता को बनाये रखने के लिए दक्ष प्रोफेशनल्स और वर्क फ़ोर्स के चयन की स्वतंत्रता आवश्यक है।
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