Tuesday 7 July 2020

ग्लोबल फोरगिवनेस डे : क्षमा बड़न को चाहिए.....


फरीदाबाद 7 जुलाई। आज ग्लोबल फोरगिवनेस डे है। वैसे तो जीवन में क्षमा के महत्व को दर्शाने के लिए वर्ष में एक दिन 7 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है लेकिन वास्तविकता में इसका महत्व हर किसी व्यक्ति के पूरे जीवन में है। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, गाइडस और जूनियर रेडक्रॉस के माध्यम से ग्लोबल फोरगिवनेस डे पर क्षमा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि क्षमा शब्द मानवीय जीवन की आधारशिला है। जिसके जीवन में क्षमा है, वही महानता को प्राप्त कर सकता है। क्षमा हमें झुकने की प्रेरणा देती है। हर किसी के जीवन में कई अवसर एेसे आते हैं जब क्षमा पाने या देने से वे बहुत कुछ खोने से बच जाते हैं। किसी ने इसके माध्यम से रिश्तों को संजीवनी दी है तो किसी ने अनमोल सुखद अनुभव पाया है। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस छोटे से शब्द का महत्व समझा है और वो किस्से उनके मस्तिष्क में सुखद पलों की तरह अंकित हो गए हैं। ब्रिगेड और जे आर सी काउन्सलर रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा है कि "कमजोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं कर सकता, क्षमा करना शक्तिशाली व्यक्ति का गुण हैं।" क्षमा एक एेसा उपहार है जो हम स्वयं को देते हैं। क्षमा करने का मतलब किसी कैदी को स्वतंत्र करना है और ये जानना कि आप ही वो कैदी थे। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हमें केवल अपने बारे में नहीं सोचना है, स्वयं को दूसरों की परिस्थिति में रखकर जानने की कोशिश करनी है। संभव है कि आपकी प्रतिक्रिया गलत हो। दूसरों की दृष्टि से देखने से आत्मनिरीक्षण करना आसान हो जाता है। रास्ता कोई भी अपनाया जाए पर क्षमा करने का विचार मन में जिस गति से गाढ़ा और गहरा होगा, उसी गति से मन की सारी परेशानी और पीड़ाएं दूर हो जाएंगी इसलिए हमें अपने अंदर क्षमाशीलता को विकसित कर आदर्श जीवन जीने की ओर अग्रसर होते रहना है। आज भी प्राचार्य रविन्द्र कुमार, लेक्चरर सोनिया वमल तथा छात्राओं माला, पल्लवी, खुशी, नेहा तथा ताविंदा ने ऑनलाइन पेंटिग बना कर क्षमा के महत्व को दर्शाया।
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