Tuesday 7 July 2020

आसान नहीं तो असम्भव भी नहीं है रक्त्त की आपूर्ति - गिफ़्ट


दिल्ली 7 जुलाई (रैपको न्यूज़)। देशभर के सभी ब्लड बैंक्स और अस्पतालों में वैसे तो रक्त्त की कमी सामान्यतः रहती ही है। शायद ही कोई ऐसा समय हो जब रक्त्त की जितनी मात्रा की ज़रूरत हो उतना रक्त्त देश के ब्लड बैंक्स उपलब्ध हो।  गर्मी के महीनों में वैसे भी अक्सर रक्त्तदाताओं की संख्या में अपेक्षाकृत कमी होती है, और इस पर कोरोना के भय की वजह से यह फाँसला बहुत ज़्यादा बड़ गया।  इसके फलस्वरूप थैलेसीमिया के मरीज़ जिन्हें हर 15-20 दिन के अंतराल में रक्त की आवश्यकता होती है, को निसन्देह काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हो गये हैं कि कुछ मरीज़ों को रक्त्त मिलने से पहले उनका हीमोग्लोबिन 6 तक पहुँच गया और ऐंसे बहुत उदाहरण हैं कि जिनमें रोगियों को 2 यूनिट रक्त्त होना चाहिये उन्हें एक से ही गुज़ारा करना पड़ रहा है।
यह मुश्किल दौर है, इसमें कोई सन्देह नहीं।  एक पुरानी कहावत है "हिम्मत ए मर्दा, मदद ए खुदा", यानी जो इन्सान कोशिश करते हैं उनकी मदद ख़ुदा करता है। इसी विश्वास के साथ गिफ़्ट - ग्लोबली इंटीग्रेटिड फॉउंडेशन फ़ॉर थैलेसीमिया रक्त्त की आपूर्ति के लिये निरंतर रक्त्तदान शिविरों के आयोजन कर रही है।  फॉउंडेशन के संस्थापक मदन चावला का कहना है कि कोरोना के चलते औसतन लगभग हर हफ़्ते उनका एक रक्त्तदान शिविर लगाने का प्रयास रहता है, और भगवान जाने कैसे कुछ फरिश्ते रूपी लोग इस प्रयास में उनका साथ देने आ जाते हैं।  लगातार जारी इस सिलसिले के तहत दिल्ली के मयूर विहार फेस 3 में आयोजित आज के शिविर के लिये गुरुनानक ऐकडेमी ऑफ साइंस एंड कॉमर्स के प्रमुख डॉ अमन सहगल,  संतान फॉउंडेशन के अध्यक्ष राहुल शाह और बिलियन एबल्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख दीपक यादव मददगार बनकर उभरे।
शिविर में रक्त्तदान करने के लिये मुख्यतः गुरुनानक एकेडमी के वर्तमान व भूतपूर्व विद्यार्थी आगे आये, और इसमें इंटरनेशनल  रैड क्रॉस सोसाइटी के दिल्ली स्थित भारतीय मुख्यालय के ब्लड बैंक द्वारा रक्त्त एकत्रित किया गया।  शिविर में सबकी सुरक्षा हेतु सोशियल डिस्टेंसिंग, मास्क्स व सैनिटॉयज़ेशन पूरा ध्यान रखा गया।
सभी सहयोगी साथियों, संस्थानों व रक्त्तदाताओं का आभार प्रकट करते हुवे मदन चावला ने कहा कि थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के लिये रक्त्त की आपूर्ति हेतु गिफ़्ट को ऐंसे सहयोग की अटूट ज़रूरत है, और उन्हें पूरा यकीन है कि शिविर आयोजित करने के लिये उन्हें इंसानों के रूप में खुदा के नेक बन्दों का साथ हमेशा मिलता रहेगा।  उनके यकीन को कायम रखने के लिये डॉ अमन सहगल, राहुल शाह व दीपक यादव जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वो भविष्य में भी उन्हें इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग देने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
पोस्ट शेयर करें, कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें

Author:

0 comments: