Monday 3 August 2020

ब्रिगेड छात्राओं ने राखी बना कर चाइनीज राखियों का किया बहिष्कार


फरीदाबाद 3 अगस्त (रैपको न्यूज़)।राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड तथा जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में ब्रिगेड सदस्य छात्राओं ने स्वयं राखी बना कर चाइनीज राखियों के बहिष्कार का आह्वान किया। ब्रिगेड प्रभारी व प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि अब उचित समय है कि हम स्वदेश में स्वयं द्वारा निर्मित वस्तुओं का ही प्रयोग करें, उन्होंने कहा कि विद्यालय कि जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड की छात्राओं ने यह पहल की है और ये सभी छात्राएं बधाई की पात्र हैं। जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि चीन अपना उच्च गुणवत्ता वाला सामान यूरोपीय देशों को निर्यात करके अच्छी कीमत वसूल करता है। और घटिया सामान भारत में बहुत कम दामों पर बेचता है। हमारे तीज-त्योहारों में हमारे देश की मिट्टी, सिल्क, कपास का पूजन होना चाहिए न कि चाइना की सामग्री का, अपने भाइयों की कलाई पर बहनें चाइना का रक्षासूत्र कैसे बांध सकती हैं जिसने हमारे सैनिकों की हत्या कर दी। इसलिए चाइना की राखियों का पूर्णतः बहिष्कार करते हुए इस रक्षाबंधन हमारे देश की बालिकाओं, लोगों, महिलाओं तथा व्यापारियों ने स्वदेशी रक्षासूत्र की बिक्री करने का निर्णय लिया। कैट से जुड़े देशभर के 7 करोड़ व्यापारियों ने जब स्वदेशी बंधन को अपनाया तो इससे आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिली है, प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि देशभर के 500 जिलों में स्वसहायता समूहों से जुड़ी लाखों महिलाएं स्वदेशी राखियां बना रही हैं। मजदूरों और कारीगरों को मिलाकर 5 लाख से अधिक लोगों को स्वदेशी राखियां बनाने से रोजगार प्राप्त हुआ है।  गेहूं, चावल, आम की गुठली, विभिन्न किस्मों के बीजों को राखियों में लगवाया है। देश के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी स्वदेशी राखियां बनाने का अभियान उपयोगी साबित हो रहा है आज प्राध्यापिका जसनीत कौर, सीमा तनेजा, अमृत कौर और छात्राओं निशा, खुशी, पूनम सिंह, चंचल यादव, आरती, सोनम यादव, दीया तथा पल्लवी ने आकर्षक, सुंदर तथा स्वदेशी राखियां बना कर चीन निर्मित राखियों के बहिष्कार का संदेश दिया, प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने सभी देशवासियों से आग्रह किया कि हम सब मिलकर चीन द्वारा निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार करें, स्वदेशी वस्तुएं अपनाकर देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाएं।
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