Wednesday 30 September 2020

अखिल भारतीय स्वेच्छा रक्तदान दिवस 1 अक्तूबर को, बढ़ चढ़कर आगे आने का आह्वान



फरीदाबाद, 1 अक्तूबर (Repco News)। अखिल भारतीय स्वेच्छा रक्तदान दिवस प्रत्येक वर्ष 1 अक्तूबर को मनाया जाता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि इस दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाया जाए ताकि देश में कोई भी व्यक्ति रक्त की कमी के कारण काल का ग्रास न बनें, स्वेच्छा रक्तदान दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए जिला रक्तदान कमेटी के चेयरमैन एवं फरीदाबाद में रक्तदान के परोधा रो० एच एल भुटानी ने कहा है कि रक्तदान उनके लिये जीवन का उद्देश्य बन चुका है। 7 अक्तूबर 1971 को आईटीआई फरीदाबाद में जब मैंने रक्तदान शिविर का आयोजन किया तो मात्र 9 युनिट रक्त मिला, तब से लेकर आज तक रक्त एकत्रित करने में कितने शिविर लगवाए और कितना रक्त एकत्रित किया, इसका कोई हिसाब नहीं है।

मात्र 9 युनिट से आरंभ किए गए रक्तदान अभियान में समय के साथ-साथ रोटेरियन बंधु और समाजसेवी संस्थाएं जुड़ती गई और आज रक्तदान आंदोलन शिखर पर पहुंच चुका है। रोटरी ब्लड बैंक इसका निखरा हुआ स्वरूप कहा जा सकता है। थैलासीमिया के बच्चों, निर्धन जरूरतमंद व्यक्तियों को नि:शुल्क रक्त देने पर ध्यान दिया जाता है।

उल्लेखनीय है कि रो० भुटानी का पूरा परिवार रक्तदान के प्रति समर्पित है। आपका बड़ा बेटा धीरज भुटानी, पूर्व डिस्ट्रिक असिस्टेंड गर्वनर 58 बार रक्तदान कर चुके हैं और छोटा बेटा नीरज भुटानी, 62 बार रक्त दे चुके हैं, इतना ही नहीं अपनी पत्नी श्रीमति सुषमा भुटानी 13 बार और स्वयं रो० भुटानी 12 बार रक्तदान कर चुके हैं। रक्तदान के प्रति समर्पित फरीदाबाद में संभवतय: यह पहला परिवार है।


रोटरी ब्लड बैंक फरीदाबाद के प्रधान महेंद्र महतानी ने अपने संदेश में कहा है कि रक्तदान जरूरतमंद को जीवन ही नहीं देता बल्कि रक्तदाता के स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है। प्रत्येक 3 माह के अंतराल पर रक्त देने से रक्त गाढ़ा नहीं होता और दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। दुनिया में 38 प्रतिशत लोग रक्तदान कर सकते हैं परंतु मात्र 10 प्रतिशत ही करते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम रक्तदान के प्रति खुद प्रेरित हों और दूसरों को प्रेरित करें।


रोटरी ब्लड बैंक फरीदाबाद के कार्यकारी उपप्रधान रो0 दीपक प्रसाद का कहना है कि रक्तदान मानवसेवा का सर्वोत्तम साधन है। रोटरी ब्लड बैंक को पूर्णतया समर्पित रो0 दीपक प्रसाद का कहना है कि रक्तदान मरीज के लिये तो एक वरदान है ही परंतु रक्तदाता पर भी ईश्वर की कृपा ही कही जाएगी कि रक्तदान कर ईश्वर के कल्याणकारी कार्यों का भागीदार बन रहा है। आपने सभी योग्य रक्तदाताओं से अपील की है कि वह आगे बढक़र रक्तदान करें और ईश्वर कृपा की अनुभूति का आनंद लें।

पोस्ट शेयर करें, कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें

Author:

0 comments: