Wednesday 30 September 2020

एम‌एसएमई सेक्टर संकट में, मोराटोरियम की अवधि 6 माह बढ़ाई जाए : एनसीआर चैंबर



गुरूग्राम, 30 सितम्बर (Repco News)। आज भी लघु तथा मध्यम उघोग कोविड 19 के कारण उत्पन्न हुई समस्याओ से जूझ रहे है, अनेको कम्पनिया तथा व्यवसाय बन्द हो चुके है और बाकी बन्दी के कागार पर खड़ी है। ऐसे समय मे बैंकों व गैर बैंकिग संस्थानो तथा ऋण प्रदान करने वाली संस्थानो के द्धारा ऋण स्थगन (मोरोटोरियम) की अवधि समाप्त होते ही लघु तथा मध्यम उघोगो पर पहले से मार झेल रहे लघु एवं मध्यम उघोगो पर अब ब्याज तथा किश्त हेतु अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। यह उघोग जगत के हित मे नही है। 

एन सी आर चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री के प्रधान श्री एच पी यादव ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि सरकार को एमएसएमई सेक्टर के लिए विशेष आर्थिक राहत प्रदान करनी चाहिए।

श्री यादव के अनुसार कोविड महामारी के उपरान्त सभी लघु तथा मध्यम उघोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयासरत है, ऐसे मे स्थगन अवधि (मोरोटोरियम) को समाप्त कर बैको द्धारा उघोगो (विशेषकर लघु एवं मध्यम उघोगो) पर ब्याज तथा किस्त जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे पहले से ही बदहाल उघोगो एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानो की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा तथा अनेको उघोग बन्द हो जायेगे जिससे हमारे क्षेन्न मे भारी बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। उनके अनुसार भारत सरकार के ’आत्मनिर्भर भारत योजना’ के अन्र्तगत अनेको आर्थिक सहायता सम्बंधित योजनाओ की घोषणा की परन्तु सभी सरकारी गैर सरकारी बैक, गैर बैकिंग वित्तीय संस्थान तथा ऋण प्रदान करने वाली संस्थाए भारत सरकार की घोषणओ को अपने सुविधा के अनुसार परिवर्तन करके उघोगो के हित मे क्रियान्वयन नही कर रही है। उनके अनुसार उपरोक्त संदर्भ मे हमने भारतीय रिजर्व बैक, वित मंन्नालय, सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उधम मंन्नालय के मंन्नियो एवं वरिष्ठ अधिकारियो को पन्न भेजकर जानकारी माँगी परन्तु किसी भी मंन्नालय/विभाग द्धारा जवाब नही दिया गया। बैक तथा अन्य वित्तीय संस्थाए अपनी मनमानी कर रही है क्योकि उनके अनुसार लघु उघोगो को ऋण देना जोखिम भरा काम है। उपरोक्त परिस्थितियो में चैम्बर के माध्यम से ऋण स्थगन अवधि (मोरोटोरियम) समयावधि को कम से कम 6 माह के लिए बढाने की माँग की है तथा साथ ही भारत सरकार से मांग करते है कि सभी बैको वित्तीय संस्थाओ के लिए एक समान दिशा निर्देश जारी किया जाए जिससे कि उघोगो एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानो तथा रोजगार को बचाया जा सके।

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