Monday 21 September 2020

फर्नीचर उद्योग का संकट, घरेलू ग्राहक कम, निर्यात में भी परेशानी, त्योहारों पर सुधार की उम्मीद :बी .आर .भाटिया



फरीदाबाद, 21 सितंबर (Repco News)। कोरोना के कारण लाकडाउन ने यहां अन्य उद्योगों को प्रभावित किया, वहीं पर फर्नीचर उद्योग को भी भारी झटका लगा है।

कोरोना के कारण भवन निर्माण में मंदी आने से फर्नीचर उद्योग पर दोहरी मार पड़ी है। इतना ही नहीं ग्राहक की जेब में अभी पैसा ना आने के कारण वह फर्नीचर खरीदने में परहेज कर रहा कहा जा सकता है। 

स्थिति यह है कि कई फर्नीचर कारोबारी ऐसे हैं जिन्होंने लाकडाउन खुलने उपरांत अभी तक बोनी बट्टा भी नहीं किया।

एफ.आई.ए के प्रधान श्री बी.आर. भाटिया जिनकी अपनी एक फर्नीचर उत्पादन इकाई भी है और जो अमेरिका एवं यूरोप के देशों को निर्यात करते हैं, का कहना है कि उनके पास निर्यात के आर्डर तो हैं परंतु माल भेजने के लिए कंटेनर उपलब्ध नहीं है, इसलिए उत्पादन ढीला चल रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में श्री भाटिया ने बताया कि चूंकि पिछले छह माह में आयात बहुत कम हुआ है, इसलिए कंटेनर की कमी पैदा हो गई है। आपने विश्वास व्यक्त किया है कि शीघ्र ही कंटेनर की कमी दूर हो जाएगी। 

श्री भाटिया का कहना है कि कोरोना के कारण अमेरिका एवं यूरोप की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है और फर्नीचर एक ऐसी आइटम है जिसे प्राथमिकता नहीं दी जाती, फिर भी स्थिति निराशाजनक नहीं है ।

कोरोना के कारण जो प्रवासी श्रमिक अपने अपने घरों को लौट गए थे वह भी अभी वापस नहीं लौटे हैं जिनका प्रभाव उत्पादन पर पड़ना स्वभाविक है।

आपने कहा कि मंदी का एक कारण लोगों के मन में संक्रमण का भय भी है, फिर भी उम्मीद की जा सकती है कि त्योहारों में घरेलू बाजार की स्थिति में सुधार होगा।

उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद में 200 से ऊपर फर्नीचर बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां हैं। काम ना होने के कारण इन इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ रही है। अधिकतर श्रमिक ठेके पर काम करते हैं क्योंकि इससे उन्हें ज्यादा आय होती है परंतु अब काम नहीं तो पैसा नहीं, ठेके के नियम अनुसार यह कामगार आर्थिक संकट में घिर गए हैं, संभवत स्थिति की जटिलता को देखते हुए प्रवासी श्रमिक वापस काम पर नहीं लौट रहे हैं।

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