Friday 19 February 2021

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, बजट में विभिन्न प्रावधानों की मांग



फरीदाबाद, 19 फ़रवरी (Repco News)। प्रमुख औद्योगिक संगठन गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर हरियाणा बजट के लिए सुझाव प्रेषित किए हैं।

एसोसिएशन के प्रधान श्री जी एन मंगला ने कहा है कि सरकार द्वारा बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसके मद्देनजर उद्योग हित में सुझाव दिए जा रहे हैं।

कहां गया है कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में अनधिकृत आवासीय कॉलोनियों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए वेब पोर्टल लॉन्च किया है।

पत्र में सुझाव दिया गया है कि हरियाणा सरकार अनधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसी तरह की तर्ज पर बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान कर सकती है।

गुरुग्राम में औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा बड़ी संख्या में उद्योग चल रहे हैं। ये उद्योग दौलताबाद इंडस्ट्रियल एरिया, कादीपुर इंडस्ट्रियल एरिया, बसई रोड इंडस्ट्रियल एरिया, पटौदी रोड इंडस्ट्रियल एरिया, बेहरामपुर इंडस्ट्रियल एरिया, खांडसा रोड इंडस्ट्रियल एरिया, शीतला माता रोड इंडस्ट्रियल एरिया, आदि में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयांए जिनमें ज्यादातर एमएसएमई हैं, वे उद्योगों को चलाने के लिए स्थानीय और राज्य प्रशासन के नियमो  का अनुपालन कर रहे हैं। दोलाताबाद औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग तब भी चल रहे थे जब हरियाणा राज्य अस्तित्व में नहीं था। इन उद्योगों के विवरण गुरुग्राम की तत्कालीन नगरपालिका समिति के रिकॉर्ड में उपलब्ध हैं। यह औद्योगिक क्षेत्र संबंधित अधिकारियों के कारण अनुमोदित स्थिति से वंचित है जो प्राधिकरण  सरकार के ध्यान में तथ्यात्मक स्थिति नहीं लाए। इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों ने औद्योगिक क्षेत्र को अलग.थलग करने के लिए आवासीय कॉलोनियों/फ्लैटों को विकसित करने के लिए बिल्डरों को अनुमति दी। कुछ औद्योगिक भूखंड हैं जिनके स्वीकृत नक्शे भी हैं।

एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा है कि अनाधिकृत कालोनियों पर रोक लगाने हेतु जिस प्रकार हरियाणा सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना को लागू किया है उसी प्रकार एक ऐसी ही योजना छोटे उद्योगों के लिए भी लागू की जाए  जिसकी बहुत आवश्यकता है । एमएसएमई उद्योगों के लिए सरकारी तौर या पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल वाली इस स्कीम को सरकार द्वारा लागू किया जाए।

सुझाव दिया गया है कि यह स्कीम कुछ इस प्रकार से होनी चाहिए कि छोटे उद्योगों को  कम से कम मूल्य पर प्लॉट दिये जाए जिससे कि उनके किराया के रूप में दिए गए खर्चे से अपनी जगह में निर्भीक हो कर काम कर सके ओर बार बार मशीन शिफ़्ट करने के खर्च से बच सके। सरकार द्वारा इस उद्योग क्षेत्र में अच्छी इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएँ मिल पाए जैसे कि बड़े उद्योगों के क्षेत्रों से सम्पर्क के लिए अच्छी सड़कें, अबाधित बिजली की सप्लाई, दुकाने, भोजनालय, पार्क, ट्रांसपोर्ट इत्यादि सुविधाएँ मिल  सके ।

पत्र में कहा गया है कि लघु उद्योगों की अपनी ज़मीन होने से यह फ़ायदे हैं कि उनको एक सामाजिक सुरक्षा की भावना मिल पाएगी और वे अपनी उत्पादन शक्ति बढ़ा पाएंगे जिससे की और लोगों को भी रोज्गार मिल पायेगा। जैसा की सब को पता है की छोटे उद्योग देश में सबसे ज़्यादा रोजगार का अवसर प्रदान करता है। 

सुझाव दिया गया है कि इन क्षेत्रों को विकसित करते समय जितना ज़्यादा खर्च सरकार सहन कर सकती है वो करे जैसा ई डी सी, आई डी सी, सी एल यू शुल्क आदि ताकि एक सामान्य उद्योगपति भी इसका फ़ायदा उठा सके । 

यह सुझाव भी दिया गया है कि सरकार द्वारा इन क्षेत्रो के विकास मोजुदा बड़े उद्योगिक क्षेत्रों के पास स्थापित किया जाना चाहिए ताकी छोटे उद्योग वाले आसानी से कम क़ीमत पर माल सप्लाई कर सकें ।

यह भी सुझाव दिया गया है कि जिन उद्यमियों ने पहले ही आवश्यकता के कारण एफ ए आर क्षेत्र को बढ़ा दिया है, उन्हें किसी भी पैनल्टी को लागू किए बिना उचित एग्यूमेंटेशन चार्ज पर नियमित किया जा सकता है। वर्तमान में सरकार द्वारा तय किए गए एग्यूमेंटेशन चार्ज बहुत अधिक हैं जो भुगतान करने के लिए सम्भव नहीं हैं।

कहा गया है कि एचएसआईआईडीसी द्वारा तय किए गए उद्योग से वाणिज्यिक तक रूपांतरण शुल्क बहुत अधिक हैं जिन्हें उचित रूप में लाया जाना चाहिए। यह सुझाव दिया गया है कि औद्योगिक क्षेत्र जो नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, उद्योग से वाणिज्यिक के लिए रूपांतरण का शुल्क एमसीजी द्वारा अपनी नीति के अनुसार लगाया जा सकता है और एचएसआईआईडीसी द्वारा नहीं। इसी तरह एचएसआईआईडीसी उद्योग से व्यावसायिक क्षेत्रों के रूपांतरण के लिए एचएसआईआईडीसी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले औद्योगिक क्षेत्र रूपांतरण शुल्क लगा सकता है।

सुझाव दिया गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन को वढावा देने के लिए दिल्ली राज्य की तरह स्विच हरियाणा अभियान लागू करना चाहिए। पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली शुरू करने के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान आवंटित किया जा सकता है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन पोलिसी की शुरुवात हो जिसमे  पंजीकरण  शुल्क सड़क कर माफ किया जाना चाहिए और  दो पहिया वाहनए ऑटोए ई.रिक्शा माल वाहन आदि के लिए 30,000/- रुपये तक का और नई कारों के लिए 1.5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए। यह न केवल रोजगार उत्पन्न करेगा बल्कि NCR/ हरियाणा राज्य में प्रदूषण के स्तर को भी कम करेगा। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ता पेट्रोल/डीजल की तुलना में पर्याप्त मात्रा में बचत करने में सक्षम होंगे और सरकार को हरियाणा के नागरिकों के साथ बेहतर जुड़ने में मदद करेगा।

औद्योगिक क्षेत्रों के उचित उत्थान और सौंदर्यीकरण सहित पर्याप्त ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए यह सुझाव दिया गया है कि इसके लिए एक अलग बजटीय प्रावधान किया जा सकता है। यह न केवल अधिकारियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं में सुधार से संबंधित विभिन्न कार्यों को करने के लिए सक्षम करेगाए बल्कि राज्य में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष रूप से विदेशी निवेशकों को आकर्षित और प्रोत्साहित करेगा और एक स्वस्थ काम करने वाला वातावरण भी बनाएगा।

पोस्ट शेयर करें, कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें

Author:

0 comments: