फरीदाबाद, 26 अप्रैल। एक ऐसी मां व बेटी जिनकी मदद करने के लिए कोई नहीं आ रहा था बेटी के पिता का पार्थिव शरीर हॉस्पिटल के शव घर में रखा हुआ था उनका साथ देने वाला कोई नहीं था, ऐसी स्थिति उनको कही से मिशन जागृति का नम्बर मिला। रात को 11 बजे संस्थापक प्रवेश मलिक के पास फोन आया । सुबह ही मिशन जागृति के चार साथी उनकी मदद करने हॉस्पिटल पहुंच गए । मिशन जागृति के साथियों विकास कश्यप , दिनेश राघव और अशोक भटेजा ने मिलकर विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार किया । इस पूरे प्रकरण में संस्था के संस्थापक सदस्य और संरक्षक कविंद्र चौधरी ने बहुत मदद की। उन्होंने कहा कि परमात्मा पूरी मिशन जागृति टीम को स्वस्थ और सुरक्षित रखे । विकास कश्यप और दिनेश राघव ने बताया कि वहां पहुंच कर ही सच्चाई का पता चला कि लोगों को ऑक्सीजन की कितनी ज्यादा जरूरत है। ऐसी स्थिति में हर व्यक्ति को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।
जिला महासचिव विकास कश्यप ने बताया कि मिशन जागृति के संस्थापक प्रवेश मलिक के दिशा निर्देश पर पिछली बार भी लॉकडाउन स्थिति में टीम ने बहुत सेवा की थी और इस बार भी मिशन जागृति की पूरी टीम सभी वालंटियर ् महिला टीम हर वक्त लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर है।
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