आपने कहा की लॉकडाउन के कारण उत्पादन में कमी और शून्य बिक्री ने उद्योगों की समस्याओं को ओर अधिक बढ़ा दिया है।
श्री छाबड़ा ने बताया कि पिछले लॉकडाउन में बैंको एवम फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा किश्तों में छूट ने औद्योगिक इकाइयों को काफी राहत प्रदान की थी, किंतु वर्तमान में स्थिति विपरीत होने के कारण उद्योग को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
आपने कहा की टीपीडीडीएल द्वारा जारी बिलों में लगने वाले फिक्स्ड चार्जेस को माफ करने एवम् भुगतान की अवधि सीमा को बढ़ाना उद्योगों को राहत देने वाला पग साबित हो सकता है।
श्री छाबड़ा ने सुझाव देते हुए कहा है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान जारी बिलों की राशि को आने वाले बिलों में भुगतान हेतु अनुपात में बांट दिया जाए तो उद्योगों को निश्चित तौर पर लाभ मिल सकता है।
आपने इस संबंध में सरकार से भी तुरंत हस्तक्षेप कर कार्यवाही की अपील की है।
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