मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीसी के दौरान बताया कि वर्षा के बाद कुछ स्थानों पर पानी के खड़े रहने की समस्या रहती है और अबकी बार वर्षा भी ज्यादा हुई हैं। जहां पर हर बार पानी खड़ा होनेे की समस्या रहती है, वहां स्थाई व्यवस्था करते हुए उसका समाधान करना सुनिश्चित करना हैं। विभाग द्वारा इस विषय के दृष्टिगत मशीनरी भी खरीदने का काम किया गया हैं, टयूबवैलों की संख्या भी बढ़ाई गई हैं। हमें पानी की स्टोरेज करके उस दिशा में व्यापक कदम उठाना हैं, हो सके तो दक्षिण हरियाणा के क्षेत्रों के तरफ पानी को भिजवाना हैं। इसके साथ-साथ उन्होनें धान खरीद के कार्य को लेकर जानकारी हासिल करी। वहीं पराली प्रबन्धन को लेकर किए जा रहें कार्यो बारे भी समीक्षा की। उन्होनें कहा कि धान खरीद का कार्य सुचारू रूप से होना चाहिए और किसानों को उनकी फसलों की अदायगी भी नियमानुसार समय अवधि के तहत उनके खातों में होनी चाहिए। खाद की उपलब्धता के बारे में भी उन्होनें जानकारी ली और कहा कि हरियाणा में खाद की कोई कमी नहीं रहनी दी जाएगी। उन्होनें सम्बधिंत अधिकारियों से खाद की उपलब्धता बारे भी विस्तार से जानकारी ली। सडक़ों की मुरम्मत विषय के तहत उन्होनें लोक निर्माण विभाग, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड, पंचायती राज, एचएसआईडीसी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग बेहतर समन्वय के साथ जो सडक़ों के रिपेयर सम्बधी कार्य है उन्हें जल्द करना सुनिश्चित करें।
इस मौके पर उपायुक्त जितेंद्र यादव ने अवगत करवाते हुए बताया कि जिला फरीदाबाद में सभी मंडियों में धान की खरीद का कार्य सुचारू रूप से जारी हैं। सभी एजेन्सियों द्वारा इस कार्य को निर्धारित मापदण्डों के तहत किया जा रहा हैं। पराली प्रबन्धन को लेकर बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। किसानों को कस्टम हॉयरिंग सैन्टर में उपलब्ध कृषि यंत्रों को अनुदान पर देने के साथ-साथ व्यक्तिगत कृषि यंत्रों को खरीदने वाले किसानों को इन कृषि यंत्रों को स्वयं प्रयोग करने तथा दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का काम किया गया हैं। पराली न जले इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। ग्रामीण स्तर पर भी पंचायत सचिव, पटवारी व अन्य को शामिल करते हुए टीम गठित की गई हैै, जोकि पूरी गतिविधियों पर नजर रखेगीं, कहीं पर भी अगर आगजनी की घटना होती हैं तो नियुमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही हैं।
उपायुक्त ने यह भी बताया कि पराली प्रबन्धन के लिए कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन का कार्य गत 11 व 12 अक्तूबर को किया गया हैं। विभाग द्वारा 18 अक्तूबर को भौतिक सत्यापन के लिए एक बार फिर मौका दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि यही प्रक्रिया कस्टम हॉयरिंग सैन्टर में उपलब्ध प्रतिनिधियों के लिए भी हैं। यदि उन्होनें भी अपने यंत्रों का सत्यापन नहीं करवाया हैं वे भी इस कार्य को करवाना सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने कहा कि पराली प्रबन्धन से सम्बधिंत कृषि यंत्रों पर विभाग द्वारा अनुदान राशि देने का काम किया गया हैं। वहीं जिन किसानों ने पराली से गाठे बनाने का काम किया हैं उन्हें भी प्रति एकड़ एक हजार रूपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में देने का काम किया जा रहा हैं।
इस मौके पर एसडीएम सतबीर मान, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया के साथ अन्य सम्बधिंत विभागों के अधिकारीगण भी मौजूद रहें।
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