माना जाता है कि जब भगवान श्री राम,रावण को हराकर चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने खुशी से उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को दीप जलाकर रोशनी से सजा दिया और तब से ही भारतवर्ष में दिवाली के त्योहार का चलन शुरू होना माना जाता है। दिवाली दीपों का त्यौहार है इस दिन सभी लोग अपने अपने घरों में दीप जलाकर रोशनी करते हैं। यह त्यौहार 'अंधकार पर प्रकाश की विजय' को दर्शाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर हर्ष उल्लास के साथ दिवाली का त्यौहार मनाते हैं वहीं दिवाली के अवसर पर कुछ लोग पटाखे चलाकर आतिशबाजी कर त्यौहार मनाते हैं। पटाखे चलाकर खुशियां मनाना/ जाहिर करना एक पुरानी परंपरा प्रचलन में रही है उस समय में किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता था, वातावरण शुद्ध था लोग स्वास्थ्य थे बीमारियां नाम मात्र की होती थी।
समय ने करवट बदली हम आधुनिक हो गए, बढ़ते शहरीकरण और पेड़ों की कटाई ने ,बढ़ते उद्योग एवं वाहनों से निकलते धुवां ने प्रदूषण को बढ़ा दिया और वातावरण से शुद्ध हवा गायब होती चली गई और इस आधुनिक युग में कई प्रकार की बीमारियां बढ़ती चली गई।
एनसीआर की औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में एयर क्वालिटी को देखते हुए स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी हरियाणा ने एक्शन लेते हुए आदेश जारी किए हैं, जिसके मद्देनजर फरीदाबाद शहर में किसी भी प्रकार के पटाखे बेचने और चलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। आदेश अनुसार फरीदाबाद शहर के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लगते हुए और भी हरियाणा के कई जिलों में पूर्ण रूप से प्रतिबंध किया गया है। फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने साफ तौर पर कहा है कि जो कोई भी पुलिस के आदेशों की अवहेलना करेगा फरीदाबाद पुलिस उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगी। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोरोनावायरस महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। पटाखों से निकलने वाले धुएं से हवा खराब हो जाती है। कोरोनावायरस और प्रदूषण के चलते सांस के मरीजों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है अतः आप, अपने और आसपास रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए , दिए जलाकर दिवाली का त्यौहार मनाएं और खुशियां बांटे। सामाजिक सौहार्द खराब करने वालो एवं आदेश की उल्लंघना करने वालो की सूचना 112 या अपने नजदीकी थाने मे करें।
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