चंडीगढ़, 29 अक्तूबर (रैपको न्यूज)। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में भूमि और संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब 1 नवंबर 2025 से राज्य में जमीन या संपत्ति की डीड यानी कानूनी दस्तावेज का पंजीकरण ऑनलाइन होगा। इसका उद्देश्य पुराने जटिल, समय लेने वाले और कागजी कार्यों से भरे सिस्टम को खत्म कर पारदर्शी, आसान व पेपरलेस प्रक्रिया लागू करना है। राजस्व और आपदा प्रबंधन की वित्तीय आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह बदलाव हरियाणा दिवस के अवसर पर लागू किया जाएगा, जिससे हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा जो संपत्ति पंजीकरण में सौ प्रतिशत कागज रहित प्रणाली अपनाएगा। इससे नागरिकों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की झंझट से मुक्ति मिलेगी और पूरी प्रक्रिया घर बैठे ऑनलाइन पूरी होगी।
नए नियम के तहत अब हरियाणा में भूमि की रजिस्ट्री और डीड पंजीकरण पूर्णत: ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। इस व्यवस्था में खरीदार और विक्रेता दोनों की पहचान सुरक्षित ओटीपी और आधार आधारित प्रमाणीकरण से की जाएगी। साथ ही सभी जरूरी दस्तावेज़ ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे और स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से ही होगा। नकद लेन-देन का विकल्प अब पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
ऑनलाइन डीड पंजीकरण के लिए राज्य सरकार ने एकीकृत पोर्टल eregistration.revenueharyana.gov.in तैयार किया है। नागरिक इस वेबसाइट पर जाकर लॉगिन कर सकते हैं और पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
पोर्टल पर लॉगिन कर ओटीपी या आधार प्रमाणीकरण से अपनी पहचान सत्यापित करें।
बिक्री विलेख (सेल डीड) का फॉर्म ऑनलाइन भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान नेट बैंकिंग या कार्ड से करें। तय समय पर उप-पंजीयक के साथ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लें। प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी ताकि ट्रांजैक्शन का पूरा प्रमाण रहे।
हरियाणा सरकार ने इस डिजिटल प्रणाली को तीन चरणों में लागू करने का निर्णय लिया है। पहला चरण 29 सितंबर 2025 को कुरुक्षेत्र जिले की बबैन उप-तहसील से शुरू हुआ था। दूसरा चरण 28 अक्टूबर से दस जिलों - अंबाला, यमुनानगर, करनाल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, फतेहाबाद, पलवल, जींद और झज्जर में लागू किया जा रहा है। तीसरे और अंतिम चरण में 1 नवंबर से भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, सोनीपत, सिरसा, पानीपत, कैथल, रोहतक, नूंह और चरखी दादरी सहित शेष जिलों में यह व्यवस्था अनिवार्य हो जाएगी।

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