गुरूग्राम। ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के अनुसार प्रतिदिन 50 किलोग्राम या इससे अधिक कचरा उत्पन्न करने वालों को स्वयं अपने स्तर पर कचरा अलग-अलग करना तथा उसका निस्तारण करना अनिवार्य है। नियमों की पालना नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उक्त बात नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक पैनल की गई एजेंसियों के प्रतिनिधियों तथा सभी वार्डों के कनिष्ठ अभियंताओं के साथ आयोजित बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि वार्ड के कनिष्ठ अभियंता उनके वार्ड के बल्क वेस्ट जनरेटरों तथा वेस्ट-टू-कंपोस्ट एजेंसियों के बीच तालमेल करवाने में एक पुल का कार्य करें।
उन्होंने कहा कि जो आरडब्ल्यूए एवं रिहायशी सोसायटियां अपने परिसर में अपने स्तर पर ही कचरे से खाद बनाने की विधि को अपनाएंगी, उन्हें नगर निगम द्वारा वेस्ट कलैक्शन यूजर जार्जिज में छूट दी जाएगी। इसके अलावा, होटल, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, इंडस्ट्रीज को अपने स्तर पर कचरे का निस्तारण करना अनिवार्य है। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि एम्पैनल की गई एजेंसियों की सूची नगर निगम की वैबसाईट पर अपलोड करवाएं। इसके साथ ही आरडब्ल्यूए एवं रिहायशी सोसायटियों को वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्रणाली को अपनाने बारे पत्र लिखें। इसके साथ ही कमर्शियल बल्क वेस्ट जरनेटर को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित करने बारे नोटिस जारी किए जाएं।
निगमायुक्त ने कहा कि जहां पर वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्लांट के लिए जगह नहीं है, उन्हें नगर निगम जगह उपलब्ध करवाने में मदद करेगा। आरडब्ल्यूए एवं सोसाटियों द्वारा तैयार किए जाने वाले खाद की खरीद भी नगर निगम द्वारा की जाएगी।
बैठक में एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता, संयुक्त निगमायुक्त रविन्द्र यादव, चीफ इंजीनियर एनडी वशिष्ठ, स्वच्छता सलाहकार नरेश पंकज, वेस्ट-टू-कंपोस्ट परियोजना के नोडल अधिकारी सहायक अभियंता प्रदीप कुमार सहित ए?पैनल एजेंसियों के प्रतिनिधि तथा वार्डों के कनिष्ठ अभियंता उपस्थित थे।
उक्त बात नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक पैनल की गई एजेंसियों के प्रतिनिधियों तथा सभी वार्डों के कनिष्ठ अभियंताओं के साथ आयोजित बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि वार्ड के कनिष्ठ अभियंता उनके वार्ड के बल्क वेस्ट जनरेटरों तथा वेस्ट-टू-कंपोस्ट एजेंसियों के बीच तालमेल करवाने में एक पुल का कार्य करें।
उन्होंने कहा कि जो आरडब्ल्यूए एवं रिहायशी सोसायटियां अपने परिसर में अपने स्तर पर ही कचरे से खाद बनाने की विधि को अपनाएंगी, उन्हें नगर निगम द्वारा वेस्ट कलैक्शन यूजर जार्जिज में छूट दी जाएगी। इसके अलावा, होटल, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, इंडस्ट्रीज को अपने स्तर पर कचरे का निस्तारण करना अनिवार्य है। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि एम्पैनल की गई एजेंसियों की सूची नगर निगम की वैबसाईट पर अपलोड करवाएं। इसके साथ ही आरडब्ल्यूए एवं रिहायशी सोसायटियों को वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्रणाली को अपनाने बारे पत्र लिखें। इसके साथ ही कमर्शियल बल्क वेस्ट जरनेटर को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित करने बारे नोटिस जारी किए जाएं।
निगमायुक्त ने कहा कि जहां पर वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्लांट के लिए जगह नहीं है, उन्हें नगर निगम जगह उपलब्ध करवाने में मदद करेगा। आरडब्ल्यूए एवं सोसाटियों द्वारा तैयार किए जाने वाले खाद की खरीद भी नगर निगम द्वारा की जाएगी।
बैठक में एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता, संयुक्त निगमायुक्त रविन्द्र यादव, चीफ इंजीनियर एनडी वशिष्ठ, स्वच्छता सलाहकार नरेश पंकज, वेस्ट-टू-कंपोस्ट परियोजना के नोडल अधिकारी सहायक अभियंता प्रदीप कुमार सहित ए?पैनल एजेंसियों के प्रतिनिधि तथा वार्डों के कनिष्ठ अभियंता उपस्थित थे।
0 comments: