Saturday 9 February 2019

FIA द्वारा कार्यक्रम आयोजित : उद्योग अपने को डिफैंस परक्योरमैंट एवं रक्षा उत्पाद के निर्यात क्षेत्र में स्थापित करें -अजय कुमार


फरीदाबाद।  डा. अजय कुमार आईएएस सचिव रक्षा उत्पादन (डिफैंस प्रोडक्शन) भारत सरकार ने उद्योग प्रबन्धकों से आहवान् किया है कि वे भारत की डिफैंस परक्योरमैंट एवं रक्षा उत्पाद के निर्यात क्षेत्र में प्रवेश कर अपने को स्थापित करें, जिसमें लम्बी अवधि के लिए व्यवसायिक सुरक्षा एवं लाभ की असीम सम्भवनाएं हैं।
डा. अजय कुमार फरीदाबाद इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एसोसिएशन के सदस्यों को सम्बोधित कर रहे थे। आपने कहा कि समय परिवर्तित हो रहा है ७० वर्ष में यह पहला अवसर आया है जब रक्षा क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिया गया है। अब रक्षा उत्पाद कुछ विशेष को छोड़ मात्र ४९ सरकारी उद्योगों में ही नहीं बनेंगे, बल्कि निजी क्षेत्र को भी आमंत्रित किया जा रहा है। आपने कहा कि रक्षा क्षेत्र को आटो, आईटी, टैक्सटाईल, इलैक्ट्रोनिक्स, इलैक्ट्रीकल, कैमीकल अर्थात सभी तरह के उत्पाद चाहिए। यह क्षेत्र तकनीक की दृष्टि से सदैव अग्रणी रहता है, जहां गुणवत्तायुक्त मूल्य स्पर्धा एवं समय पर सप्लाई को ही प्राथमिकता दी जाती है।
डा. अजय कुमार ने कहा कि कोई भी देश अग्रणी व अति आधुनिक तकनीक नहीं देता। औद्योगिक क्षेत्र इस में सहायक हो सकते हैं। तकनीक में दक्ष औद्योगिक संस्थान ही निर्यात रक्षा उत्पादो का बाजार ८०-९० हजार करोड़ का है, जबकि विश्व बाजार २० लाख करोड़ रूपए का है। हैरानी की बात यह है कि इसमें से १५० लाख करोड़ रूपए के उत्पाद विश्व सुरक्षा काऊसिंल के सदस्य ही बनाते हैं।
डा. अजय कुमार ने कहा कि आज हम एक लाख कम्पोनैंट आयात कर रहे है जिसका आप विकल्प तैयार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एरोस्पेस में भी तकनीक के अवसर है।
तकनीक के संबंध में आपने चीन का उदाहरण देकर उसका अनुकरण करने का अनुरोध किया। आपने बताया कि चीन ने वहां के रिटायर्ड विशेषज्ञों को अपने यहां नौकरी देकर आयातक से निर्यातक का स्थान प्राप्त कर लिए है।
इससे पूर्व फरीदाबाद इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव खेमका ने डा. अजय कुमार एवं आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में निजि उद्योगों के प्रवेश हेतु यह आवश्यक है कि टैंडर प्रक्रिया सरल बनाई जाए, सैम्पल पास कराने में जो एक वर्ष तक का समय लगता है, उसे सामान्य बनाया जाए, इतना हीं नहीं टैस्टिंग की फीस भी कम की जाए।
आपने कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र में गोपनियता थी परन्तु अब खुलापन है। निजी औद्योगिक क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए। रक्षा क्षेत्र में एक परक्योरमैंट एवं दूसरा प्रोडक्शन क्षेत्र है। परक्योरमैंट में ९० हजार करोड का बजट है जिसमें ७० हजार करोड़ के लगभग लोकल उत्पाद होते हैं। १५-२० हजार करोड़ के उत्पाद अभी भी नई तकनीक के कारण आयात करने पड़ते हैं।
आपने कहा कि निर्यात में असीम सम्भवनाएं हैं। विदेशी सरकारें हमारा उत्पाद प्राथमिकता से खरीदती हैं। हमारे कई सप्लायर ग्लोबल बन चुके हैं। इसी प्रकार जो उत्पाद हम बाहर में मंगाते हैं उसके वैकल्पिक उत्पाद हम यहां बना सकते हैं। इसके लिए डाई एंड टूल की कीमत, टैस्टिंग प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है। थर्ड पार्टी इन्सपैक्शन एजेन्सी बनाई जा रही है। ऐसी २७५ आईटम है जो आप परैक्योरमैंट में दे सकते हैं, परन्तु गुणवत्ता एवं कीमत प्राथमिकता होगी।
श्री खेमका ने कहा कि इन्पैक्शन प्रोसीजर को भी सरल बनाया जाए और निजी क्षेत्र में उद्योग कौन कौन सा उत्पाद बना सकते हैं इसकी जानकारी दी जाए। आपने कहा कि फरीदाबाद २० हजार उद्योगों का एक औद्योगिक हब है जहां बड़ी मात्रा में रक्षा उत्पादन तैयार हो सकते हैं।
एसोसिएशन के पूर्व प्रधान डा. एस. के. गोयल ने कहा कि सरकारी नीतियां बहुत अच्छी हैं परन्तु उनका क्रियान्वयन कराने वालों का मांईडसैट बदलना जरूरी है। आपने कहा कि बड़ी समस्या यह है कि जब हम निर्यात हेतु विदेशों में जाते हैं तो वहां पूछा जाता है कि आपकी सरकार आपका माल खरीद रही है? आपने कहा कि एसोसिएशन एक कॉमन प्लेट फार्म उपलब्ध करा सकती है जो उत्पाद तैयार करने, परक्योरमैंट में लेने, इन्सपैक्शन आदि में सहायक हो सकता है।
एसोसिएशन के महासचिव श्री जसमीत सिंह ने मंच संचालन करते हुए कहा कि फरीदाबाद एक औद्योगिक शहर है और फरीदाबाद इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन इसका प्रतिनिधित्व करती है। यहां के औद्योगिक संस्थान सुई से लेकर हवाई जहाज के पुर्जें तक बना रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में विस्तार हेतु  इन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सर्वश्री एस के जैन, बी आर भाटिया, शम्मी कपूर, नरेन्द्र अग्रवाल, सतीश भाटिया, एस पी अग्रवाल, एच एल भुटानी, विनोद भुवालका, गौतम चौधरी, इकबाल सिंह भगत एवं ऋषि अग्रवाल की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम  की व्यवस्था को उत्तम बनाने में कार्यकारी निदेशक कर्नल शैलेन्द कपूर की भ्ूामिका की सभी सराहना करते देखे गए। डा. अजय कुमार ने फरीदाबाद के औद्योगिक संस्थान, हिन्दुस्तान वैक्युकम ग्लास,  इन्डो आटोटैक, स्टार वायर इन्डिया के उत्पादों की  प्रदर्शनी का बड़े ध्यान से देखा और इनकी सराहना की।
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