फरीदाबाद। मानव रचना इंटरनैशनल इंस्टीच्युट आफ रिसर्च एंड स्टडीज के प्रो. वायस चांसलर प्रोफैसर डा0 एम के सोनी ने कहा है कि फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के यंग आंत्रेप्यूनर्स पैनल को अब परम्परागत तकनीक जैसे मैकेनिकल, इलैक्ट्रोनिक्स तथा इलैक्ट्रीकल एवं कंप्यूटर साईंस के साथ-साथ आधुनिक विषय जैसे आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस, मशीन लर्निंग एवं मोबिल्टी आदि को साथ लेना चाहिए।
आपने कहा है कि यह बदलाव का युग है। आज उद्योगों में काम करने के लिये इनकी जानकारी अति आवश्यक है। डा0 सोनी यहां यंग आंत्रेप्यूनर्स पैनल के १५वीं अवार्ड कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। आपने कहा कि पैनल स्पर्धा के लिये मानसिक तकनीकी रूप में तैयार करने में युवा छात्रों को बहुत सहायता करता है।
एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं विशिष्ट अतिथि डा0 एस के गोयल ने इस अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त करते कहा कि मेक इन इंडिया केवल इनोवेशन से ही संभव है। भारत को विकसित देश बनाने के लिये तकनीकी शिक्षण संस्थाओं एवं उद्योगों को एक मंच पर आकर काम करना होगा और सिलीकॉन वैली जैसा प्रोजैक्ट भारत में लाना होगा। आपने बताया कि वाईएमसीए के साथ मिलकर फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन अपने स्किल डेवलैपमैंट सैंटर में थ्री डी प्रिंन्टिग प्रोजैक्ट ला रही है। मानव रचना एवं अन्य कालेजों को भी ऐसा एक और प्रोजैक्ट लेकर आगे आना चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि मेक इन इंडिया में भारत ने बहुत कुछ किया है। हाल ही में बालाकोट में जो बम्ब डाले गये थे, उनके शैल फरीदाबाद में ही निर्मित हुये थे। इतना ही नहीं स्टार वायर सैनिकों के लिये बुलटप्रुफ जैकेट एवं जिप्सी तैयार कर रही है, ऐसा मैटल तैयार किया जा रहा है, जो माईनस ४० डिग्री पर भी सामान्य स्थिति में रहे। आज की इस अवार्ड सैरॉमनी में मानव रचना एवं बी एस अनंगपुरिया इंजीनियरिंग कालेज के छात्र छाए रहे। आज का प्रथम पुरस्कार कंप्यूटर साइंस में इशप्रीत सिंह, बी एस अनंगपुरिया इंस्टीच्युट आफ टैक्रोलॉजी एंड मैनेजमैंट के नाम रहा। जबकि इलैक्ट्रीकल स्ट्रीम में श्री शशि कुमार, मोहित यादव, विकास उपाध्याय, (द्रोणाचार्य कालेज आफ इंजीनियरिंग), मयूर जैन, दीपक नारंग, मिलन आहुजा एवं कुमारी रजनी रानी सिंह और मैकेनिकल में अमित जांगीर, मयंक गर्ग (बी एस अनंगपुरिया) प्रथम रहे।
मंच संचालन करते एसोसिएशन के कार्यकारिणी निर्देशक कर्नल शैलेंद्र कपूर ने बताया कि यह प्रतियोगिता २००५ में आरंभ की गई थी। स्थानीय कालेजों के पार्टीसिपेशन में इसको बल मिला है। आज की प्रतियोगिता में ९० प्रतियोगी शामिल हुये हैं।
इस अवसर पर विवेक गोंसाई एवं अभिषेक सिंघल वाई पैनल के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे।
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