Thursday, 18 July 2019

सैंट्रल पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड की तलवार फिर म्यान से बाहर : एनसीआर में उद्योग केवल पीएनजी से चलेंगे नहीं तो बंद होंगे


फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन समाधान खोजने के प्रयास में

फरीदाबाद (रैपको न्यूज़ प्रतिनिधि)। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश में रोजगार (जॉब) बढ़ाने और देश की इकोनॉमी को ऊपर उठाने का संदेश उद्योग जगत को दे रहे हैं तो दूसरी ओर उन्हीं के सरकार के कुछ विभाग प्रधानमंत्री की इस इच्छा को पलीता लगाने में पीछे नहीं रहना चाहते, इसमें सैंट्रल पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड सबसे आगे प्रतीत होता है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि कोई भी राष्ट्र भक्त पोल्यूषण फैलाने के हक में नहीं होगा। सरकार, प्रशासन, उद्योग प्रबंधक ही नहीं आम व्यक्ति को भी बढ़ते प्रदूषण के प्रति जागरूक होना चाहिए, परंतु पोल्यूषण ऐसे प्रयासों से कंट्रोल में आएगा न कि तुगलकी फरमान जारी करने से। इससे जहां उद्योगों की प्रगति को धक्का लगेगा वहीं पर हजारों-हजार श्रमिक भी सडक़ पर आ जाएंगे।
सैंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पहले पैटकॉल के प्रयोग पर पाबंदी लगाते हुए उद्योगों के लिये कुछ नामर्स तय किए थे। उद्योगों के लिये यह नामर्स तय करते हुए उन्हें अपग्रेड तकनीक अपनाने, रेड क्षेत्र के उद्योगों के लिये ऑनलाईन डिवाईस लगाने और सल्फर, एनओटू, आदि की निकासी के संबंध में विशेष निर्देश जारी किए गए थे। औद्योगिक संस्थानों ने इस पर लाखों रूपये खर्च कर उच्च तकनीक को अपनाया और बोर्ड के नामर्स पूरे किए।
हाल ही में 2 जुलाई को सैंट्रल पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को एक पत्र जारी कर कहा है कि जहां पीएनजी की सुविधा है, यदि औद्योगिक संस्थान उसका प्रयोग नहीं करते तो उन्हें बंद करा दिया जाए। इतना ही नहीं 15 दिन में इस संबंध में एक्शन रिपोर्ट जारी की जाए, यदि राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कार्यवाही में ढील बरती तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी और उन्हें प्रोसीक्यूट भी किया जा सकता है।
बोर्ड के इस आदेश से उद्योगों में खलबली मच गई है।
  फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कार्यवाही निर्देशक कर्नल शैलेन्द्र कपूर का कहना है कि हाल ही में औद्योगिक संस्थानों ने जो लाखों-लाख रूपये प्रदूषण बोर्ड के निर्देशानुसार पोल्यूषण कंट्रोल की तकनीक को अपडेट करने के लिये खर्च किए हैं और उनका सही प्रयोग भी हो रहा है, ऐसे में यह आदेश उद्योगों पर बहुत भारी पड़ेगा। इतना ही नहीं इंडियन ऑयल ने जो लो सल्फर डीजल निर्मित किया है, उद्योग उसे प्रयोग कर रहे हैं और प्रदूृषण पूरी तरह कंट्रोल में है, अब पूरी व्यवस्था को पीएनजी में तबदील करना इतना सहज नहीं है।
श्री कपूर के अनुसार एक तो पीएनजी लगभग 21 प्रतिशत महंगी है जिससे उत्पाद की लागत बढऩे से उद्योगों को स्पर्धा में टिकना मुश्किल हो जाएगा, दूसरा पीएनजी प्रयोग करने से बायलरों में बदलाव होगा, जिसमें पुन: लाखों रूपये खर्च होगा।
बोर्ड को इस संबंध में अवश्य सोचना चाहिए। अत: सब्सिडाईज रेट पर पीएनजी उपलब्ध करवाने और बदलाव के लिये समय देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आगरा में पीएनजी 15 रूपये किलो सब्सिडाईज रेट पर उपलब्ध करवाई जाती है। फिरोजाबाद में भी गैस सस्ती है जबकि फरीदाबाद में इसका रेट 42 रूपये किलो है।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पोल्यूषण कंट्रोल पैनल के चेयरमैन श्री नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि पूरा उद्योग जगत सैंट्रल पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड के इस आदेश स्तब्ध रह गया है। आज उद्योग प्रबंधकों की सोच बहुत बदल गई है और कोई भी पोल्यूषण फैलाने के हक में नहीं हैं। आपने कहा है कि महंगी पीएनजी से लागत तो बढ़ेगी और स्पर्धा में टिकना कठिन हो जाएगा क्योंकि यह आदेश सिर्फ एनसीआर के लिये है, इसलिए लागत बढऩे से अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में ही नहीं राष्ट्रीय स्पर्धा में भी एनसीआर के उद्योग मुश्किल में आ जाएंगे। श्री अग्रवाल ने भी उद्योगों को सस्ती पीएनजी उपलब्ध करवाने व व्यवस्था परिवर्तन में समय देने का अनुरोध किया है।
जीसीसीआई ने एक पत्र लिखकर हरियाणा के औद्योगिक सचिव श्री देवेन्द्र सिंह से अनुरोध किया है कि वह उद्योगों का पक्ष बोर्ड के समक्ष पेश कर उन्हें इस विकट स्थिति से उबारने में सहायता  करें।
चैम्बर के सचिव श्री एस के आहुजा ने कहा है कि गुरूग्राम व फरीदाबाद में सभी औद्योगिक संस्थान पूरी तरह सैंट्रल पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं इसलिए व्यवस्था में यदि कोई परिवर्तन करना भी था तो औद्योगिक संस्थानों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था।

फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन समाधान खोजने के प्रयास में

सैन्ट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नए आदेशों से उद्योग जगत परेशान है और उस पर पुन: उद्योग बंद करने के आदेश की तलवार लटकने लगी है, वहीं पर सभी फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर उम्मीद भरी दृष्टि से देख रहे हैं क्योंकि एनसीआर में यही एक सुसंगठित, प्रभावी एवं सक्रिय संगठन है, जो इस समस्या का समाधान करा सकता है। एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव खेमका का कहना है कि फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पूरी तरह से अपने कत्र्तव्य एवं जिम्मेवारी का पालन करेगी। हम राज्य व केंद्रीय पर्यावरण मंत्रियों व अफसरों से मिलेंगे और इसका समाधान कराने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। श्री खेमका ने कहा कि एसोसिएशन अपैक्स चैम्बरों से भी संपर्क कर रही हैं ताकि उद्योगों के पक्ष को और भी प्रभावी बनाया जा सके।
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