फरीदाबाद। कोरोना वायरस के कारण लोक डाउन की दौर से गुजर रहे देशवासियों को रिजर्व बैंक में एक राहत प्रदान करते हुए मौजूदा चल रहे लोन पर ईएमआई को 3 माह के लिए स्थगित करने का सुझाव बैंकों को दिया है। आरबीआई ने माना है कि कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन है। इसका सीधा असर लोगों की आमदनी और कारोबार पर पड़ा है। ऐसे में लोगों को लोन चुकाने में दिक्कत स्वभाविक है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि सभी टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियंम होगा।
इसका मतलब है कि तीन महीने तक किसी के अकाउंट से ईएमआई नहीं कटेगी। हालांकि आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के अनुसार रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश केवल सुझाव है कोई आदेश नहीं है, ऐसे में बैंकों का नजरिया क्या रहता है यह आने वाली 24 घंटे में स्पष्ट हो जाएगा। यदि आरबीआई के सुझावों को बैंक अमल में लाते हैं तो तीन महीने के बाद ही दोबारा ईएमआई की अदायगी शुरू होगी। रिजर्व बैंक ने 1 मार्च से इसे लागू किया है तो आपको अब जून से ही ईएमआई देनी है। हालांकि यह भी ध्यान रखें कि ईएमआई माफ नहीं हुई है, बल्कि तीन महीने के लिए अस्थगित की गई है। यदि आपका लोन 2021 में जनवरी में खत्म होने वाला था तो अब यह अप्रैल 2021 में खत्म होगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कार्यशील पूंजी पर ब्याज भुगतान को टाले जाने को चूक नहीं माना जाएगा, इससे कर्जदार की रेटिंग (क्रेडिट हिस्ट्री) पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश की बैंकिंग व्यवस्था मजबूत है। निजी बैंकों में जमा भी बिल्कुल सुरक्षित है। लोगों को घबराकर पैसा निकालना नहीं चाहिए।
यह फैसला रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लिया है। समिति की बैठक 31 मार्च को होनी थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बढ़ते संकट के बीच इसे समय से पहले अंजाम दिया गया।
इसका मतलब है कि तीन महीने तक किसी के अकाउंट से ईएमआई नहीं कटेगी। हालांकि आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के अनुसार रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश केवल सुझाव है कोई आदेश नहीं है, ऐसे में बैंकों का नजरिया क्या रहता है यह आने वाली 24 घंटे में स्पष्ट हो जाएगा। यदि आरबीआई के सुझावों को बैंक अमल में लाते हैं तो तीन महीने के बाद ही दोबारा ईएमआई की अदायगी शुरू होगी। रिजर्व बैंक ने 1 मार्च से इसे लागू किया है तो आपको अब जून से ही ईएमआई देनी है। हालांकि यह भी ध्यान रखें कि ईएमआई माफ नहीं हुई है, बल्कि तीन महीने के लिए अस्थगित की गई है। यदि आपका लोन 2021 में जनवरी में खत्म होने वाला था तो अब यह अप्रैल 2021 में खत्म होगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कार्यशील पूंजी पर ब्याज भुगतान को टाले जाने को चूक नहीं माना जाएगा, इससे कर्जदार की रेटिंग (क्रेडिट हिस्ट्री) पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश की बैंकिंग व्यवस्था मजबूत है। निजी बैंकों में जमा भी बिल्कुल सुरक्षित है। लोगों को घबराकर पैसा निकालना नहीं चाहिए।
यह फैसला रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लिया है। समिति की बैठक 31 मार्च को होनी थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बढ़ते संकट के बीच इसे समय से पहले अंजाम दिया गया।
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