Monday 30 March 2020

लॉक डाउन प्रभावी कदम परंतु उद्योगों व श्रमिकों के हित में ठोस कार्ययोजना आवश्यक :अग्रवाल


फरीदाबाद। इंडस्ट्रियल एरिया वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन एवं फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य श्री एसपी अग्रवाल ने केंद्र सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉक डाउन के निर्णय को जहां एक सही निर्णय करार दिया है, वहीं श्री अग्रवाल ने सभी वर्गों से आह्वान किया है कि वह लॉक डाउन के नियमों की पालना करें।
श्री अग्रवाल के अनुसार यह बात स्पष्ट है कि कोरोनावायरस से निपटने के लिए लॉक डाउन के अतिरिक्त और कोई साधन नहीं था, ऐसे में लॉक डाउन के नियमों को अपनाना सभी देशवासियों का दायित्व बनता है।
श्री अग्रवाल ने इसके साथ ही लॉक डाउन की प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा है कि लॉक डाउन एक अच्छा निर्णय होने के बावजूद उद्योग हित में नहीं कहा जा सकता, यही नहीं लॉक डाउन के कारण श्रमिकों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के लिए सरकार द्वारा की गई घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा है कि इससे श्रमिक कल्याण के वह इरादे पूर्ण रूप से पूरे नहीं हो सकेंगे जिनके लिए सरकार द्वारा कई घोषणाएं की गई हैं।
श्री अग्रवाल के अनुसार शुक्रवार को रविवार के लिए जनता कर्फ्यू का निर्णय लिया गया। श्री अग्रवाल के अनुसार देशवासियों ने जिस प्रकार जनता कर्फ्यू की पालना की वह श्री नरेंद्र मोदी के प्रति जनता में विश्वास का प्रतीक है, परंतु सोमवार को ही प्रातः हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 31 मार्च तक सभी औद्योगिक व व्यापारिक संस्थान बंद करने के जो आदेश दिए उसका परिणाम यह रहा कि औद्योगिक संस्थानों में शनिवार को जो कच्चा माल फ्लोर व मशीनों में पड़ा था या जो उत्पादन हुआ वह सब का सब वही रह गया।
 श्री अग्रवाल के अनुसार विभिन्न संस्थानों द्वारा गंतव्य स्थान पर माल ले जाने के लिए जो ट्रक भेजे गए वह भी रास्ते में ही रुक गए और जिनमें खाद्य सामग्री से संबंधित उत्पादन था, वह खराब हो गया।
 श्री अग्रवाल का मानना है कि यदि यही निर्णय एक या दो दिन पूर्व सूचना देकर लागू किया जाता तो इस नुकसान से बचा जा सकता था। अग्रवाल के अनुसार यदि उद्योग प्रबंधक अपने श्रमिकों को वेतन व सुविधाओं का आश्वासन देते तो भगदड़ का वह माहौल ना बनता जो वर्तमान में देखा गया। श्री अग्रवाल का मानना है कि श्रमिक अपने प्रबंधन पर सरकार से अधिक विश्वास करते हैं ऐसे में यदि वेतन संबंधी आश्वासन प्रबंधन द्वारा दिया जाता तो श्रमिक पूर्ण विश्वास के साथ क्षेत्र में बने रहते। आज स्थिति यह है कि यदि नॉक डाउन 14 अप्रैल को समाप्त होता है तो जो श्रमिक पलायन कर गए हैं उन्हें वापस आने में कम से कम हफ्ता 10 दिन का समय लगेगा और कुल मिलाकर उद्योगों में उत्पादन 1 मई से ही आरंभ हो पाएगा।
 श्री अग्रवाल ने कहा है कि हरियाणा सरकार का खाद्य आपूर्ति विभाग केवल आटा दाल के वितरण को ही लाइसेंस देता है तथा अन्य खाद्य सामग्री को वह खाद्य सामग्री की श्रेणी में नहीं मानता, दूसरी ओर करियाना की दुकानें भी खाली हो रही हैं क्योंकि बाहर से ट्रकों में माल नहीं आ रहा मुख्य मार्गों के ढाबे बंद होने के कारण ट्रक ड्राइवर माल उठाने को तैयार नहीं है ऐसे में सरकार को यह सोचना होगा कि अगले 15 दिन राशन की आपूर्ति कैसे की जा सकेगी?
श्री अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्र सरकार उक्त तथ्यों पर ध्यान देगी और निकट भविष्य में ही ऐसी नीति क्रियान्वित की जाएगी जिससे सभी वर्गों को राहत मिल सकेगी।
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