Saturday 25 April 2020

महज 3000 श्रमिकों से कैसे चल पाएंगे फरीदाबाद के उद्योग, सरकार की उदासीनता और प्रशासन की धींगामस्ती से उद्यमी परेशान : नजरें एफ‌आईए पर टिकी


फरीदाबाद। हरियाणा सरकार की यह विशेषता रही है कि उसने सदैव औद्योगिक प्रगति एवं औद्योगिक समस्याओं से निपटने का भरसक प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल उद्योगों को राज्य की प्रगति, रोजगार एवं राजस्व का मुख्य स्त्रोत मानते रहे हैं। वर्तमान में ज्यों ही कोरोनावायरस का प्रकोप आरंभ हुआ संपूर्ण लोक डाउन के आदेश का पालन औद्योगिक संस्थानों ने शत-प्रतिशत बिना सरकार के सामने अड़चन डालें किया। परंतु अब जबकि लाक डाउन में छूट देने का निर्णय लिया गया है तो उद्योगों में निराशा छा रही हैं। समझ में नहीं आता कि सरकार के निर्णय में कोई कमी है या अफसरशाही सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रही अथवा सरकार को भ्रमित किया जा रहा है।
सरकार ने उद्योगों को आंशिक रूप से चलाने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए। दिशा-निर्देशों में सबसे बड़ी कमी किसी भी श्रमिक के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की स्थिति में उद्योग प्रबंधकों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज होना थी। औद्योगिक संस्थानों की गुहार पर यह प्रावधान वापस लिए गए। परंतु समस्याएं यहीं समाप्त नहीं हुई है,
क्षेत्र में लाक डाउन के दौरान श्रमिकों के बिना उद्योग कैसे चल पाएंगे, इसका उत्तर भी उद्योग प्रबंधक तलाश कर रहे हैं क्योंकि निदेशक उद्योग व व्यापार हरियाणा सरकार द्वारा जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है, उसके अनुसार जिले में अधिकतम 3000 श्रमिक ही कार्य कर सकते हैं। जहां तक फरीदाबाद का प्रश्न है यहां कई ऐसे उद्योग हैं जहां हजारों श्रमिक एक ही पाली में कार्य करते हैं ऐसे में जिलेभर में 3000 श्रमिकों को ही अनुमति देना अतर्कसंगत व अव्यवहारिक ही कहा जाएगा।
 यही नहीं श्रमिकों का वेतन भी उद्योगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। औद्योगिक संस्थानों ने आधा काम होने के बावजूद मार्च का पूरा वेतन श्रमिकों को दिया है अब अप्रैल पूर्ण रूप से बंद रहा है जिसके कारण अप्रैल माह का वेतन देना उद्योगों के लिए असंभव है। सूत्रों की मानें तो कई औद्योगिक संस्थान तो भारी आर्थिक समस्या के चलते वेतन ना देने का मन भी बना चुके हैं।
 उद्योग प्रबंधक श्रमिकों को अपना बेहद कीमती असेट मानते हैं परंतु दूसरी और उनका पूरा कार्य आई चलाई पर निर्भर रहता है, जब आएगा ही नहीं तो जाएगा कहां से।
हरियाणा सरकार ने उद्योगों के लिए बिजली की न्यूनतम दरों पर 25% छूट की घोषणा की है, कई बार तो यह छूट उद्योगों के लिए एक उपहास है क्योंकि पड़ोसी राज्य पंजाब ने तो 3 मास के लिए मिनिमम चार्जेस की छूट देने की घोषणा की है। हमारा प्रदेश तो पंजाब से बहुत बेहतर आर्थिक स्थिति में है, यहां 25% छूट ही क्यों?
फरीदाबाद ही नहीं हरियाणा के उद्योग प्रबंधक आज फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर एक उम्मीद व विश्वास के साथ देख रहे हैं कि एसोसिएशन उनकी समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचा कर राहत दिलाए। एसोसिएशन के प्रधान श्री बी आर भाटिया का कहना है कि एसोसिएशन इस संबंध में भरसक प्रयास कर रही है, इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय मुख्यमंत्री हरियाणा व उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा सीधी बात करने के लिए समय भी मांगा गया है। श्री भाटिया ने विश्वास व्यक्त किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा इन समस्याओं के समाधान अवश्य किया जाएगा क्योंकि यह नीतिगत नहीं प्रशासनिक समस्याएं हैं।
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