Friday 10 April 2020

31 मार्च की बजाए फाइनेंसियल ईयर 30 जून तक घोषित किया जाए : बजाज


गुरुग्राम। गुडगांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं प्रमुख उद्योग प्रबंधक श्री वी पी बजाज ने हरियाणा व केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉक डाउन में जनता व उद्योगों को सुविधाएं प्रदान करने की योजनाओं का जहां स्वागत किया है, वहीं श्री बजाज का मानना है कि इस संबंध में ऐसे व्यवहारिक कदम आवश्यक हैं जिससे वास्तविक रूप से संबंधित वर्गों को और राहत व प्रोत्साहन मिल सके।
 श्री बजाज ने इस संबंध में हरियाणा विद्युत निगम द्वारा मिनिमम मंथली चार्जेस को ना लेने का आग्रह करते हुए कहा है कि आवश्यकता इस बात की है कि सरकार मिनिमम मंथली चार्जेस को भी कम से कम 3 माह के लिए स्थगित करे और उद्मोगों से कवल वास्तविक खपत (कंज्यूम) युनिट के अनुसार ही बिल लिए जाएं।
 आपने उद्योगों द्वारा श्रमिकों को दिए जाने वाले वेतन पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार के आह्वान पर उद्योगों द्वारा श्रमिकों को वेतन दिया जा रहा है परंतु मौजूदा स्थिति से सभी परिचित हैं, ऐसे में होना यह चाहिए कि वेतन संबंधी व्यवस्था करने के निर्देश सरकार संबंधित विभागों को दें।
श्री बजाज ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईएसआई) का जिक्र करते हुए कहा है कि ईएसआई विभाग विभिन्न परिस्थितियों में श्रमिकों को वेतन देता है, ऐसे में लॉक डाउन व इसके तुरंत बाद के वेतन का जिम्मा भी विभाग को दिया जा सकता है क्योंकि विभाग के पास श्रमिकों व उद्योगों का काफी अंशदान पड़ा हुआ है। श्री बजाज ने इसके साथ-साथ मौजूदा वित्त वर्ष को 30 जून तक मानने का आग्रह करते कहा है कि 31 मार्च की बजाय 30 जून को क्लोजिंग फाइनेंसियल ईयर माना जाना चाहिए क्योंकि वास्तविकता यह है कि मार्च के अंतिम दिनों में ही अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी वर्गों जिसमें उद्योग भी शामिल हैं, द्वारा प्लानिंग व स्ट्रैटेजी तय की जाती है। यही नहीं अग्रिम आयकर (एडवांस इनकम टैक्स) का भुगतान भी उद्योग कर चुके हैं और मौजूदा समय में लॉक डाउन के कारण उद्योगों में उत्पादन पूर्ण रूप से बंद है जिससे आर्थिक समस्या बनी हुई है। कहा गया है कि मार्च व अप्रैल माह में लॉक डाउन के कारण कोई काम नहीं हो सका और मई में भी अनिश्चितता की स्थिति बने रहने के आसार बने हुए हैं, ऐसे में यदि सरकार 31 मार्च की बजाय 30 जून को क्लोजिंग ईयर माने तो उद्योग प्रबंधकों को काफी राहत मिल सकती है।
श्री बजाज ने विश्वास व्यक्त किया है कि केंद्र व हरियाणा सरकार सुझावों के अनुरूप कार्य नीति तैयार करेगी और इससे उद्योग लाभान्वित होंगे।
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