Thursday 23 April 2020

एमएसएमई सेक्टर के लिए सहयोगात्मक नीति के बिना उत्पादकता संभव नहीं : यादव


गुरुग्राम। एनसीआर चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री के अध्यक्ष श्री एचपी यादव ने कहा है कि सरकार  के सहयोगात्मक व्यवहार के बिना एमएसएमई कंपनी अपने प्रोडक्शन को पुनः शुरू करने की स्थिति में नहीं है। उद्योग जगत लगातार एमएसएमई कंपनी के लिए आर्थिक राहत पैकेज की मांग कर रहा है लेकिन न तो केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार की ओर से इस विषय पर अब तक कोई कदम उठाए गए हैं।
श्री यादव ने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही अपने अपने टैक्स जीएसटी और बैंक के इंटरेस्ट को माफ करने की घोषणा करनी चाहिए। केंद्र सरकार को वित्तीय संस्थानों से एमएसएमई के लिए इंटरेस्ट फ्री ऋण दिलाने की व्यवस्था करानी चाहिये।
 आपका मानना है कि राज्य सरकार को भी इस दिशा में केंद्र सरकार से बात कर इंडस्ट्रीज के हक में घोषणा करवाने की पहल करनी चाहिए, अंततः यह केवल एमएसएमई इंडस्ट्रीज को ही नहीं बल्कि श्रमिकों मजदूरों एवं सामान्य जनता के भी हित में होगा क्योंकि इससे रोजगार की संभावनाएं बनेंगी और लोगों को आजीविका के साधन मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों एवं श्रमिकों को किसी भी स्थिति में एक जगह से दूसरी जगह पलायन करने से रोकने की घोषणा की गई है और उद्योग जगत भी इस बात से सहमत है। औद्योगिक इकाइयां भी श्रमिकों के पलायन को लेकर बेहद चिंतित है लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के और सहयोगात्मक रवैया के कारण श्रमिकों का बड़े पैमाने पर पलायन आज भी जारी हैं। ऐसे में औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने कामकाज कैसे शुरु कर पाएंगे यह बड़ा सवाल है।
श्री यादव ने ध्यान दिलाया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के पास एमएसएमई सेक्टर्स के कर्मियों के लिए 2 माह की सैलरी देने के लिए कई प्रावधान उपलब्ध है। उन्हें उन फंड उपयोग इस आकस्मिक परिस्थिति के लिए करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि वर्तमान परिस्थिति के लिए ही ईएसआईसी / पीएफ और लेबर वेलफेयर फंड जैसे प्रावधान किए गए हैं लेकिन सरकार उद्यमियों पर दबाव बनाकर चिंताजनक स्थिति पैदा कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि वेलफेयर स्टेट के रूप में जब सरकार कंस्ट्रक्शन कंपनी कृषि क्षेत्र और अन्य और संगठित मजदूरों एवं गरीब परिवारों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर कर उन्हें राहत देने की कोशिश कर रही है तो एमएसएमई कंपनी इसके श्रमिकों को इस प्रकार की सहायता क्यों नहीं दी जानी चाहिए। जन कल्याणकारी नीतियों में सभी श्रेणी के लोगों के लिए आकस्मिक परिस्थिति में एक समान प्रावधान बनाए जाने चाहिए लेकिन इस विषम परिस्थिति में भी केंद्र और राज्य सरकार एमएसएमई सेक्टर जो देश में सर्वाधिक आर्थिक योगदान और रोजगार प्रदान करने वाला है को लेकर स्पष्ट एवं सकारात्मक नीति नहीं अपना रही है।
श्री यादव ने केंद्र एवं राज्य सरकार से एमएसएमई सेक्टर के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की और स्थानीय तौर पर जिला प्रशासन को औद्योगिक एसोसिएशन के साथ तालमेल स्थापित कर उनकी कठिनाइयों का समाधान करने का निर्देश जारी करने की मांग की।
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