Thursday 16 April 2020

कोरोना वायरस से विश्व भर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित, बनेंगी नई परिभाषाएं व धारणाएं :जैन


गुरुग्राम। पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रधान एवं गुडगांव चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संस्थापक प्रधान श्री पी के जैन ने कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस ने विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं को जितनी बुरी तरह से प्रभावित किया है, पिछले कई दशकों में ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी।
 श्री जैन के अनुसार कोरोनावायरस के कारण जानमाल की क्षति हुई है उसके साथ-साथ यूरोपीय देशों को काफी नुकसान हुआ है, जिससे पूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। भारत में कोरोनावायरस की आहट के साथ लॉक टाउन जैसे कड़े कदम उठाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री जैन ने कहा है कि लॉक डाउन ने कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है, परिणाम यह है कि कोरोना वायरस भारत में बहुत अधिक नहीं फैला और इसे अभी तक नियंत्रित किया जा सका है।
 श्री जैन के अनुसार कोरोनावायरस से यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था तो प्रभावित हुई ही है, साथ ही भारत सहित अन्य देश जो विभिन्न प्रकार के निर्यात करते हैं, की समस्याएं बढ़ेंगी। यही नहीं देश का ऑटोमोबाइल, गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरर व इंजीनियरिंग, हस्तशिल्प व अन्य क्षेत्र भी प्रभावित होंगे क्योंकि निर्यात से जुड़ी नई परिभाषाएं भविष्य में बनेंगी।
 श्री जैन का मानना है कि कोरोना वायरस उपरांत विश्व भर में नई धारणाएं बनेगी और वैश्विक स्तर पर काफी नई चुनौतियां आएंगी।
आपने इस संबंध में केंद्र सरकार व राज्य सरकारों से आह्वान किया है कि वे कोरोना वायरस के कारण बन रही स्थितियों के मद्देनजर प्रभावी पग उठाए ताकि विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए उद्योग व निर्यातक सशक्त बन सके।
श्री जैन ने विश्वास व्यक्त किया है कि भारत जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्लोडाउन, वैश्विक मंदी सहित अन्य चुनौतियों में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुका है, कोरोना इंपैक्ट में भी अपनी संस्कृति, परंपराओं व सिद्धांतों के बल पर चुनौतियों का सामना करने में सहायक सिद्ध होगा और अन्य देशों को भी न‌ई राह दिखाएगा।
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