Saturday 18 April 2020

कोरोनावायरस के फैलाव पर रोक के बाद अब आर्थिक हालात सुधारने की मुहिम, मारुति में उत्पादन आरंभ होगा!


फरीदाबाद। हरियाणा में नॉन कंटेंटमेंट जोन को छोड़ क्रमबद्ध रूप से विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों को आरंभ किया जा सकता है। इस संबंध में हरियाणा सरकार मानेसर में मारुति उद्योग में काम आरंभ करने की भी योजना पर विचार कर रही है। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने इस संबंध में संकेत दिए हैं कि मारुति में काम आरंभ किया जा सकता है।
 उल्लेखनीय है कोरोनावायरस के कारण चल रहे लाक डाउन में औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन बिल्कुल ठप्प हैं। प्रदेश सरकार द्वारा कुछ श्रेणियों को काम करने की अनुमति देने के लिए प्रक्रिया आरंभ की जा रही है। इस संबंध में औद्योगिक संगठनों व औद्योगिक प्रतिनिधियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि यदि वास्तव में स्माल इंडस्ट्री व सहायक उद्योगों में कार्य आरंभ कराना चाहते हैं तो सबसे पहले बड़े उद्योगों की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
 सूत्रों के अनुसार इस संबंध में विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों को कार्यअमल में लाते हुए सरकार ने सबसे पहले मारुति में कार्य आरंभ करने की नीति तैयार की है। इसका एक कारण यह भी है कि मारुति नॉन कंटेंटमेंट जोन में आती है और मारुति में यदि कार्य आरंभ किया जाता है तो इसकी सहायक इकाइयों को आर्डर मिलने की उम्मीदें अधिक है। हालांकि सोशल डिस्टेंस के नियम तथा लाक डाउन के कारण जो श्रमिक प्रदेश से पलायन कर गए हैं उन्हें लेकर आने वाले समय में समस्याएं उभरना स्वाभाविक है, परंतु मारुति में कार्य आरंभ करने की प्रक्रिया को एक अच्छी पहल माना जा रहा है।
यहां यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि हरियाणा में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री व इंजीनियरिंग इंडस्ट्री की विशेष महत्ता है, यदि ऐसा कहा जाए कि हरियाणा के अधिकतर औद्योगिक क्षेत्र ऑटोमोबाइल हब के रूप में कार्य कर रहे हैं तो गलत नहीं होगा।
 मारुति के बाद हीरो समूह ऐसा है जिस की सहायक इकाइयां प्रदेश भर में कार्य कर रही हैं। सरकार द्वारा उद्योगों में उत्पादन आरंभ करने की जो प्रक्रिया अमल में लाई जानी हैं, उसके लिए बड़े उद्योगों को आरंभ करना आवश्यक है ऐसा सरकार से जुड़े सूत्रों का भी मानना है।
 आने वाले समय में लॉक डाउन की समाप्ति और औद्योगिक गतिविधियों व उत्पादन को आरंभ करने की प्रक्रिया को किस प्रकार शुरू किया जाता है, यह तो समय ही बताएगा परंतु सरकार के कदमों से यह स्पष्ट है कि सरकार आर्थिक नुकसान को भी अब नियंत्रित करना चाहती हैं और इसी संबंध में औद्योगिक उत्पादन को आरंभ करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
कोरोना वायरस के खौफ में औद्योगिक उत्पादन आरंभ करने की यह योजना कितना सिरे चढ़ती है, यह तो समय ही बताएगा, परंतु यह स्पष्ट है कि कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के बाद अब सरकार आर्थिक पहलुओं पर ध्यान देने लगी है और यदि औद्योगिक संस्थानों में उत्पादन आरंभ करने की योजनाओं को इसकी एक कड़ी कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
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