Friday 22 May 2020

लॉक डाउन के दौरान आवागमन व कनेक्टिविटी के लिए एनसीआर को एक यूनिट माना जाए : मुंजाल


गुरुग्राम 22 म‌ई। सुप्रसिद्ध उद्योग प्रबंधक एवं गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पूर्व प्रधान श्री योगेश मुंजाल ने केंद्र सरकार व राज्य सरकारों से एनसीआर क्षेत्र में वर्तमान परिवेश में चल रहे लॉक डाउन के दौरान यातायात को सुगम बनाने व परस्पर आवागमन को सरल बनाने के लिए जहां प्रभावी पग उठाने की मांग की है, वहीं श्री मुंजाल का मानना है कि जिस प्रकार दिल्ली व हरियाणा ने अपने-अपने जिलों में आवागमन के लिए छूट प्रदान की जा रही है, उसी तर्ज पर एनसीआर के शहरों की कनेक्टिविटी को परस्पर जोड़ने के लिए नीति तैयार की जानी चाहिए।
श्री मुंजाल के अनुसार एनसीआर की संरचना के समय यह स्पष्ट किया गया था कि एनसीआर वास्तव में एक ही क्षेत्र होगा, जिसमें दिल्ली सहित हरियाणा व उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के कुछ शहरों को शामिल किया गया था।
 श्री मुंजाल के अनुसार समय के साथ-साथ एनसीआर की परिधि बढ़ी और विभिन्न अन्य क्षेत्र भी एनसीआर में शामिल किए गए परंतु एनसीआर का मुख्य कंसेप्ट ज्यों का त्यों बना रहा।
 आपका मानना है कि एनसीआर को वर्तमान आपदा के समय में भी एक ही यूनिट माना जाना चाहिए क्योंकि पिछले दो दशकों में एनसीआर के शहरों के बीच जो कनेक्टिविटी बनी है, वह इसी तर्ज पर विकसित हुई है कि एनसीआर के शहर एक ही यूनिट का हिस्सा है।
 श्री मुंजाल का मानना है कि फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा, दिल्ली और सोनीपत मुख्य रूप से ऐसे क्षेत्र हैं जहां श्रमिक व उद्योग प्रबंधक प्रतिदिन एक दूसरे शहरों में जाते हैं और कई उद्यमी तो ऐसे भी हैं जो अपना कार्यस्थल एक शहर में और आवासीय स्थल दूसरे शहर में बनाए हुए हैं।
 श्री मुंजाल का मानना है कि यदि एनसीआर को एक यूनिट माना जाता है, तो इससे उन सभी वर्गों को लाभ मिलेगा जो एनसीआर की परिधि में रहते हैं या अपना कार्य कर रहे हैं।
आपने इसके साथ-साथ कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने की मांग करते हुए कहा है कि मूवमेंट पास प्रदान का दायरा उसी प्रकार निश्चित किया जाना चाहिए, जिस प्रकार हरियाणा या दिल्ली के भीतरी क्षेत्रों में किया जा रहा है।
 श्री मुंजाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि आर्थिक गतिविधियों को तीव्र रूप देने के लिए तत्पर केंद्र, हरियाणा व दिल्ली सरकार इस संबंध में ठोस निर्णय लेंगे और इससे एनसीआर के सभी वर्गों को राहत मिलेगी।
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