Wednesday 13 May 2020

एमएसएमई सेक्टर के लिए पैकेज सराहनीय, क्रियान्वयन के लिए बैंकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए : अग्रवाल


फरीदाबाद। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपप्रधान श्री नरेंद्र अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोविड-19 से जूझ रही अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए घोषित पैकेज पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह पैकेज प्रथम दृष्टि में ही उद्योग हित में एक बड़ा कदम कहा जा सकता है।
 श्री अग्रवाल के अनुसार एमएसएमई सेक्टर के लिए जो प्रावधान किए गए हैं वह निश्चित रूप से सराहनीय है, परंतु आवश्यकता इस बात की है कि घोषित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बैंकों की भूमिका को सुनिश्चित किया जाए।
 श्री अग्रवाल का मानना है कि यदि बैंकिंग सेक्टर द्वारा घोषित योजनाओं के अनुरूप वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती तो यह पैकेज उद्योगों को वह लाभ नहीं दे पाएगा, जिसकी उम्मीद की जा रही है।
श्रमिकों व उद्योगों को राहत देने के लिए ईपीएफ के लिए दी गई छूट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा है कि यह नकदी की समस्या से निपटने के लिए एक बेहतर उपाय होने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा को पुख्ता बनाने का कार्य करेगा, जिसकी उम्मीद व्यक्त की जा रही थी।
आयकर संबंधी घोषणाओं पर श्री अग्रवाल का मानना है कि उम्मीद की जा रही थी कि मध्यम वर्गीय लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे परंतु केवल रिटर्न की तिथि बढ़ाकर व टीडीएस में 5% तक कटौती कर इसे सीमित कर दिया गया।
 श्री अग्रवाल ने रियल सेक्टर के लिए किए गए प्रावधानों पर विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि आवास संबंधी योजनाओं को और समय देना एक अच्छा कदम है जिससे निश्चित रूप से इस सेक्टर व आवासीय प्रोजेक्टों को लाभ मिलेगा।
 नॉन बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को अधिक लिक्विडिटी फंड की घोषणा पर श्री अग्रवाल का मानना है कि इस संबंध में वास्तविक लाभ तभी उपभोक्ताओं तक पहुंच सकेगा जब ऋण की ब्याज दर भी कम हो।
श्री अग्रवाल का मानना है कि एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा बदलने से सबसे बड़ा लाभ यह रहेगा कि जो एमएसएमई यूनिट एसएमई यूनिट की ओर कदम बढ़ा रहे हैं उन्हें भी लाभ मिल सकेगा। इसके साथ साथ एनपीए इकाइयों के लिए प्रावधान करने पर भी श्री अग्रवाल ने साकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
श्री अग्रवाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि आगामी घोषणाओं में वित्त मंत्री अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देंगी, जिनका संबंध अर्थव्यवस्था के साथ-साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उद्योगों से है। आपने भूमि व श्रम संबंधी प्रावधानों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के लिए संभावित घोषणाओं पर विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि विश्वास व्यक्त किया जा सकता है कि इस संबंध में भी पैकेज को उम्मीद के अनुरूप घोषित किया जाएगा।
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