Sunday 24 May 2020

अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक पैकेज सराहनीय, बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं : खंडेलवाल


फरीदाबाद 24 मई। फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान श्री आर सी खंडेलवाल ने केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए घोषित वित्तीय पैकेज में एमएसएमई सेक्टर के लिए किए गए प्रावधानों का जहां स्वागत किया है, वही श्री खंडेलवाल का मानना है कि इस संबंध में ऐसे प्रावधान आवश्यक हैं जिससे इन योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से उद्योगों को मिल सके।
श्री खंडेलवाल के अनुसार सरकार द्वारा जो घोषणाएं की गई हैं, उन्हें कार्य अमल में लाने के लिए बैंकिंग तथा वित्तीय संस्थानों को तत्परता से कार्य करना होगा क्योंकि वित्तीय सहायता इन्हीं माध्यमों द्वारा उद्योगों तक पहुंचनी है।
श्री खंडेलवाल के अनुसार यह चर्चाएं निश्चित रूप से चिंता का विषय है कि बैंक अपनी सरप्लस राशि को ऋण के रूप में देने की बजाय आरबीआई के पास अधिक सुरक्षित समझ रहे हैं। श्री खंडेलवाल के अनुसार यदि यह चर्चाएं वास्तव में सत्य हैं तो साफ है कि इससे जहां सरकार की आर्थिक नीतियां प्रभावित होंगी वहीं उद्योगों विशेषकर एमएसएमई सेक्टर को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा जिसके लिए सुदृढ़ कार्यनीति क्रियान्वित की जानी चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस के कारण चल रहे लाक डाउन में छूट तथा आर्थिक गतिविधियां आरंभ करने की अनुमति देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री खंडेलवाल ने कहा है कि निश्चित रूप से यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि लॉक डाउन के कारण पूरी अर्थव्यवस्था का चक्का जाम हो गया था और उत्पादन प्रक्रिया ठप हो गई थी।
 श्री खंडेलवाल का सुझाव है कि उद्योगों को पुनः आरंभ करने के लिए जहां वित्तीय प्रबंधन को प्रभावी बनाना होगा, वहीं बैंकिंग व्यवस्था को यह निर्देश देने होंगे कि तुरंत प्रभाव से वित्तीय सहायता को उद्योगों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।
आर्थिक पैकेज में ऑटोमेटिक लोन तथा एडिशनल लोन जैसे प्रावधानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री खंडेलवाल ने कहा है कि वास्तव में इसका पूरा भार बैंकों पर ही है।
श्री खंडेलवाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ रूप देने का प्रयास कर रही केंद्र सरकार तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इन तथ्यों पर भी ध्यान देगा और उद्योगों को सुलभता से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए ठोस नीति तैयार की जाएगी।
 श्री खंडेलवाल का सुझाव है कि इसके लिए बैंकों को एक लक्ष्य प्रदान किया जाना चाहिए और ऐसी नीति तैयार की जानी चाहिए कि जो वित्तीय संस्थान इन लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाता उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही होगी।
श्री खंडेलवाल ने विश्वास व्यक्त किया है कि अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी वर्गों व सरकार के परस्पर सहयोग से मौजूदा आर्थिक समस्याओं से शीघ्र निजात पा लिया जाएगा और कोरोनावायरस जैसी महामारी को नियंत्रित करने के साथ-साथ एक सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए भारत विश्व स्तर पर अपनी प्रभावी पहचान बनाने में सफल सिद्ध होगा।
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