Sunday 14 June 2020

विश्व रक्तदाता दिवस पर ऑनलाइन प्रतियोगिता में निशा प्रथम



फरीदाबाद 14 जून। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने विश्व रक्तदाता दिवस पर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने निर्देशानुसार ऑनलाइन स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस अवसर पर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने 2004 से इस दिन को मनाने की शुरुआत की। तब से हर वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। विद्यालय के प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि वैज्ञानिक कार्ल लेण्डस्टाइनर ने ब्लड ग्रुप सिस्टम से दुनिया को अवगत करवाया। ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने के लिए कार्ल लेण्डस्टाइनर को 1930 में नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। कार्ल लेण्डस्टाइनर का जन्मदिन 14 जून को हुआ था, उन्हीं के जन्मदिन के दिन रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को रक्तदान के लिए जागरुक किया जाए। स्वेच्छा से रक्तदान करने से ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध रहता है जिससे जरूरत पड़ने पर रोगी को आसानी से रक्त मिल जाता है, रक्तदान करने से कई लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है। अभी भी बहुत से व्यक्ति रक्त न मिल पाने के कारण प्रतिदिन मर जाते हैं। इस दिन को मनाने से लोगों को याद दिलाया जा सकता है कि रक्तदान करना कितना जरूरी है। विश्व रक्तदाता दिवस पर अलग-अलग थीम रखी जाती है। इस वर्ष की थीम है..."सुरक्षित रक्त, बचाए जीवन"। रेडक्रॉस काउन्सलर रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि जीवन को जीवन का दान है रक्तदान। सनातन परम्परा में दान को दैवीय भावना का द्योतक माना जाता है, रक्तदान उस भावना का उत्कर्ष है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर मानवता की सेवा कर सकता है। मनचन्दा ने कहा कि यह अकारण नहीं कि भारत की जनसंख्या भले ही 135 करोड़ से ज्यादा पहुंच गयी हो, रक्तदाताओं का आंकड़ा कुल जनसंख्या का एक प्रतिशत भी नहीं पहुंच पाया है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कुल रक्तदान का केवल 59 फीसदी रक्तदान स्वेच्छिक होता है। हम सब को सामूहिक प्रयासों से जागरूकता अभियान में तेजी लाकर रक्तदान की परम्परा को और बढ़ाना होगा तभी हम रक्त कि कमी को पूरा कर पाएंगे। विद्यालय में आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता के संचालन में प्राध्यापिका जसनीत कौर और शर्मीला  का विशेष योगदान रहा तथा इस में निशा दशम ए को प्रथम, मानसी कक्षा बारह तथा  निशा कुमारी कक्षा नवम को द्वितीय,  अंजलि दशम बी को तृतीय तथा अंजलि दशम बी को चतुर्थ घोषित किया गया। सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को ई सर्टिफिकेट भी दिए गए
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