Monday 22 June 2020

कांग्रेसी विधायक के रामायण पाठ से जेसीबी कर्मचारियों ने बनाई दूरी, हाथों का प्रचार भी रंग न जमा सका


फरीदाबाद, 22 जून (रैपको न्यूज़)। जेसीबी गेट पर कांग्रेस विधायक महोदय का रामायण पाठ जारी है। हैरानी की बात यह है कि ठेके के जिन कर्मचारियों को नौकरी से अलग किए जाने के विरोध में यह रामायण पाठ आरंभ किया गया था, उनमें से कोई कर्मचारी इस पाठ में नजर नहीं आता क्योंकि प्रबंधन ने उनसे बातचीत आरंभ कर दी है, ऐसा पता चला है। इतना ही नहीं पिछले दिनों हाथ कटे कर्मचारियों द्वारा अपनी छटनी के विरोध में ज्ञापन देने का समाचार जोर-शोर से छापा गया था, उनके संबंध में पता चला है कि वे भी जिस कंपनी के कर्मचारी बताए जा रहे हैं वहां वे ठेके पर काम करते थे।
वर्षों पहले हुई दुर्घटनाओं में घायल हुए कर्मचारी ईएसआईसी से अपना मुआवजा, इत्यादि ले चुके हैं। यह भी पता चला है कि लॉकडाउन समाप्त होने उपरांत जब कंपनी के ठेकेदार ने इन्हें काम पर भेजना चाहा तो इन्होंने किसी न किसी बहाने से नकार दिया, हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई, परंतु यह निश्चित है कि यह कर्मचारी ठेकेदार के आदमी रहे हैं और अपनी अंगुली इत्यादि कटे जाने का मुआवज़ा यह ईएसआई से वसूल कर चुके हैं जिन्हें कटे हाथ कहकर जन सहानुभूति बटोरने का प्रयास किया गया है।
 जिस जेसीबी में तथाकथित घटना के विरोध में रामायण पाठ शुरू किया गया है वहां अब जेसीबी का कोई श्रमिक नजर नहीं आता, अन्य कंपनियों में इक्का-दुक्का श्रमिक अवश्य नजऱ आते हैं। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जेसीबी ने एक श्रमिक ने कहा कि यह पाठ सद्बुद्धि लाने के लिए रखा गया था।प्रभु श्री राम विधायक महोदय को सद्बुद्धि प्रदान करें और वे जेसीबी के गेट से श्री रामायण का धरना उठाकर किसी सार्वजनिक स्थान पर ले जाए, ताकि व्यर्थ में उनकी कंपनी बदनाम ना हो।
यह भी कहा जा रहा है कि छटनी के विरोध में कदम उठाना न्याय संगत है परंतु छटनी के नाम पर हाय तौबा मचा कर अपनी नेतागिरी चमकाना ना श्रमिक हित में है और ना ही उद्योग हित में
 इससे व्यर्थ का तनाव बढ़ता है और शरारती तत्वों द्वारा अशांति का भय बना रहता है। इतना ही नहीं जब किसी कंपनी में श्रमिक विवाद को लेकर धरना आदि लगाया जाता है तो वहां उस कंपनी के श्रमिक उपद्रव नहीं करते क्योंकि प्रबंधन के प्रति उनकी आंख में शर्म होती है। जबकि दूसरे कंपनी के श्रमिकों के ऐसी भावना नहीं होती। अब जबकि इस रामायण पाठ में जेसीबी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी नहीं आ रहे हैं, ऐसे में कंपनी में गेट पर विरोध विरोध स्वरूप इस पाठ का कोई औचित्य नहीं रहा, यदि दूसरी कंपनी के श्रमिकों के विवादों के संबंध में यह आयोजन किया जा रहा है तो उसे किसी का सार्वजनिक संस्थान जैसे श्रम विभाग का कार्यालय या जिला उपयुक्त कार्यालय के समक्ष करना  चाहिए।
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