Friday 24 July 2020

प्लास्टिक उद्योग आर्थिक संकट में, सरकार, लॉकडाउन अवधि का ब्याज माफ करने का आदेश बैंकों को देकर राहत दिलाए- विजय जैन


फरीदाबाद 24 जुलाई। कोरोना और उसकी रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन ने प्लास्टिक इंडस्ट्री को बुरी तरह प्रभावित किया है। फरीदाबाद प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान श्री विजय जैन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्लास्टिक इंडस्ट्रीज मुख्यता जिन चार क्षेत्रों पर आधारित कही जा सकती है उनमें टेक्सटाइल अथवा कपड़ा उद्योग, ऑटोमोबाइल, आवश्यक वस्तुओं की पैकिंग व अन्य छुटपुट क्षेत्र शामिल है।
मार्च में हुए लॉकडाउन को भले ही 1 जून से अनलॉक प्रथम चरण व एक जुलाई से अनलॉक द्वितीय चरण से लगभग मुक्त कर दिया है। सरकार ने सभी प्रकार के उद्योगों व व्यापार को पूरी पूरी छूट 12 तथा प्रोत्साहन दिया है, परंतु यह सब कुछ अभी कागजों में ही कहा जा सकता है।
श्री विजय जैन का कहना है कि प्लास्टिक इंडस्ट्री मुख्यता टेक्सटाइल एवं कपड़ा उद्योग और ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर ही आधारित है और यह दोनों क्षेत्र अभी उठान की 20- 30% तक ही सीमित है ।
श्री जैन ने कहा है कि प्लास्टिक उद्योग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जो बैंकों से ऋण लिया गया है मोराटोरियम के अंतर्गत अभी उसकी किस्तें सस्पेंड है, परंतु उन पर ब्याज पर ब्याज लग रहा है। इसी प्रकार अन्य खातों पर भी ब्याज पर ब्याज जमा किया जा रहा है, जो अगस्त के बाद कैसे लिया जाएगा, अभी स्पष्ट नहीं है। यदि किस्तों में भी लिया गया तो भी प्लास्टिक उद्योग पर बहुत भारी पड़ेगा, क्योंकि मांग ना होने के कारण उत्पादन नहीं हो रहा और उत्पादन ना होने के कारण बिक्री अथवा लाभ दूर की कौड़ी कही जा सकती है।
उपरोक्त स्थिति को देखते हुए श्री जैन ने मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान के समय का ब्याज माफ कर दिया जाए क्योंकि उद्योग सरकार के आदेश से बंद किए गए थे। सरकार ने मोराटोरियम लागू कर जो उद्योग जगत व आम आदमी को राहत दी है वह तो सराहनीय है परंतु ब्याज का जाल बैंक जिस प्रकार फैला रहे हैं उससे उद्योग जगत भावी परेशानी से परेशान व तनाव में है।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री जैन ने कहा कि जो कर्मचारी उद्योग में पिछले 15-20 वर्षों से काम कर रहे हैं लॉकडाउन के दौरान उनका भरण-पोषण उद्योग प्रबंधकों की नैतिक जिम्मेदारी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया है। अभी भी उत्पादन नाम मात्र होने की दशा में उनका वेतन देना उद्योग प्रबंधकों का धर्म है जो वह निभाएंगे, ऐसे में केंद्रीय सरकार को चाहिए कि वह बैंकों को ब्याज माफी का आदेश देकर उद्योग जगत के प्रति उदारता का परिचय दें।
पोस्ट शेयर करें, कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें

Author:

0 comments: