Friday 31 July 2020

शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के प्रयास सराहनीय, तकनीकी शिक्षा का समन्वय भी जरूरी : पीके जैन


गुरुग्राम 31 जुलाई (रैपको न्यूज़)। पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रधान व गुडगांव चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संस्थापक प्रधान श्री पी के जैन ने देश में शैक्षणिक व्यवस्था में किए गए परिवर्तन पर जहां सुखद प्रतिक्रिया व्यक्त की है वही श्री जैन का मानना है कि इसके साथ-साथ तकनीकी शिक्षा के लिए भी विशेष कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए।
श्री जैन के अनुसार लगभग 35 वर्षों उपरांत शैक्षणिक व्यवस्था में जो परिवर्तन किया गया है, उसके सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद दिखाई दे रही हैं।
श्री जैन का मानना है कि विशेष रूप से ग्रेजुएशन की प्रक्रिया को जिस प्रकार स्नातकोत्तर तथा शिक्षा विराम के साथ जोड़ा गया है, वह सराहनीय हैं क्योंकि इससे बेवजह स्पर्धा पर रोक लगेगी। यही नहीं किसी भी संकाय के विषय को पढ़ लेने की छूट भी एक अच्छा कदम है जिससे नई प्रतिभाएं खुलकर सामने आएंगी।
श्री जैन का मानना है कि इसके साथ-साथ यदि स्कूल से कॉलेज की शिक्षा में तकनीकी शिक्षा को भी सम्मिलित किया जाए तो इससे रोजगार और उनकी शिक्षा की ओर कदम बढ़ाए जा सकेंगे।
आपका मानना है कि वर्तमान में शिक्षा के बावजूद युवा वर्ग को रोजगार मिलने में समस्याएं आती हैं क्योंकि वह तकनीकी रूप से प्रशिक्षित नहीं होता। 
श्री जैन के अनुसार यदि स्कूलों व कॉलेजों में तकनीकी शिक्षा के लिए विशेष रूप से प्रावधान किए जाएं तो इससे शिक्षा के साथ-साथ युवा वर्ग को स्किल्ड बनाया जा सकता है जो भविष्य में उसके काम आएगा। 
आपका मानना है कि इस संबंध में ऐसी तकनीकी शिक्षा को अवश्यंभावी करार दिया जाना चाहिए जो सभी के लिए अनिवार्य हो और जिसमें तकनीकी पहलुओं की जानकारी हो। देश में चल रहे विभिन्न पॉलिटेक्निक का हवाला देते हुए श्री जैन ने कहा है कि 10वीं व 12वीं के बाद विभिन्न केंद्रों में जो डिप्लोमा व अन्य शिक्षा दी जा रही है, उससे रोजगार तथा स्वरोजगार की और युवाओं के कदम बढ़े हैं।
 आपका मानना है कि यदि स्कूलों व कॉलेजों में शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाए तो इसके परिणाम काफी सुखद हो सकते हैं। 
श्री जैन ने ऐसी तकनीकी शिक्षा में कंप्यूटर, मशीनों पर ट्रेनिंग, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट संबंधी जानकारी इत्यादि को सम्मिलित करने का सुझाव भी दिया है।
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