फरीदाबाद 3 जुलाई (रैपको न्यूज़)। फरीदाबाद चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव श्री आशीष जैन ने मौजूदा समय में औद्योगिक संस्थानों के हित में पीस (PEACE) एक्शन प्लान की सिफारिश करते हुए कहा है कि मौजूदा स्थितियों में पीस ऐसा एक्शन प्लान सिद्ध हो सकता है जो पांच सूत्रीय प्रोजैक्ट है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ रूप प्रदान किया जा सकता है।
श्री जैन के अनुसार आज चीन बार्डर पर जो स्थिति बनी हुई है और देश में चाईनिज प्रोडैक्ट के बॉयकाट की जो मुहिम चल रही है वह वास्तव में जरूरी भी है और ऐसे समय में प्रत्येक वर्ग की जिम्मेवारी बनती है कि वह सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो।
पीस के संबंध में जानकारी देते श्री जैन ने बताया कि पीस वास्तव में प्रोडक्टीविटी (उत्पादकता), एफीशिएंसी (कुशलता), अल्टरनेट (विकल्प), कम्पीटिटीवनैस (स्पर्धा) और एक्सपोर्ट (निर्यांत) के पांच सूत्रीय एक्शन प्लान का नाम है।
श्री जैन के अनुसार प्रोडक्टीविटी से अभिप्राय यह है कि हमें एक बैंचमार्क स्थापित करना चाहिए। कुशलता से अभिप्राय निरंतर सुधार की प्रक्रिया को कार्यअमल में लाना है। विकल्प के संबंध में कहा गया है कि इसका अर्थ यह है कि किसी एक देश पर निर्धारित नहीं होना चाहिए। कम्पीटीटिवनैस हमें नई स्पर्धा के लिये तैयार रहने और निरंतर अनुसंधान करने व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर से बेहतर बनने में सहायक है। एक्सपोर्ट के संबंध में श्री जैन का मानना है कि निर्यात को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और निरंतर ऐसी मार्किट पर ध्यान देना चाहिए जहां से एक्सपोर्ट की संभावनाएं बढ़ सकें।
श्री जैन का मानना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल प्रोजैक्ट की सफलता के लिये पीस को एडॉप्ट करना जरूरी है जिस पर सभी को अपना फोकस केंद्रित करना होगा।
श्री जैन के अनुसार आज चीन बार्डर पर जो स्थिति बनी हुई है और देश में चाईनिज प्रोडैक्ट के बॉयकाट की जो मुहिम चल रही है वह वास्तव में जरूरी भी है और ऐसे समय में प्रत्येक वर्ग की जिम्मेवारी बनती है कि वह सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो।
पीस के संबंध में जानकारी देते श्री जैन ने बताया कि पीस वास्तव में प्रोडक्टीविटी (उत्पादकता), एफीशिएंसी (कुशलता), अल्टरनेट (विकल्प), कम्पीटिटीवनैस (स्पर्धा) और एक्सपोर्ट (निर्यांत) के पांच सूत्रीय एक्शन प्लान का नाम है।
श्री जैन के अनुसार प्रोडक्टीविटी से अभिप्राय यह है कि हमें एक बैंचमार्क स्थापित करना चाहिए। कुशलता से अभिप्राय निरंतर सुधार की प्रक्रिया को कार्यअमल में लाना है। विकल्प के संबंध में कहा गया है कि इसका अर्थ यह है कि किसी एक देश पर निर्धारित नहीं होना चाहिए। कम्पीटीटिवनैस हमें नई स्पर्धा के लिये तैयार रहने और निरंतर अनुसंधान करने व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर से बेहतर बनने में सहायक है। एक्सपोर्ट के संबंध में श्री जैन का मानना है कि निर्यात को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और निरंतर ऐसी मार्किट पर ध्यान देना चाहिए जहां से एक्सपोर्ट की संभावनाएं बढ़ सकें।
श्री जैन का मानना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल प्रोजैक्ट की सफलता के लिये पीस को एडॉप्ट करना जरूरी है जिस पर सभी को अपना फोकस केंद्रित करना होगा।
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