Monday 10 August 2020

श्री कृष्ण जन्माष्टमी : 11 या 12 अगस्त कब मनाई जाएगी ?


मान्यता  है भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी को  श्रीकृष्ण का जन्म माना जाता है कि रोहिणी नक्षत्र में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म जन्माष्टमी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, इस साल भी पिछले साल की तरह कृष्ण जन्माष्टमी  की तिथि को लेकर लोगों के बीच उलझन बनी हुई है. देशभर के कुछ हिस्सों में 11 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी  मनाई जा रही है तो वहीं कुछ अन्य हिस्सों में जन्माष्टमी का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जा रहा है. दरअसल, माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था, जो इस साल 11 अगस्त को है।

वहीं ये भी माना जाात है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद यानी कि भादो महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस वजह से यदि अष्टमी तिथि के हिसाब से देखा जाए तो 11 अगस्त को जनमाष्टमी होनी चाहिए, लेकिन रोहिणी नक्षत्र को देखों तो फिर 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी होनी चाहिए. ऐसे में कुछ लोग 11 तो वहीं कुछ अन्य 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहा मनाएंगे. हालांकि, मथुरा में 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी का महत्व

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है और इसे हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. माना जाता है कि सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आंठवा अवतार लिया था. देश के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से इस त्योहार को मनाया जाता है।

इस दिन बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी लोग अपनी श्रद्धानुसार दिन भर व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हैं. दिन भर घरों और मंदिरों में भगवान कृष्ण के भजन कीर्तन चलते हैं। मंदिरों में झांकियां भी निकाली जाती हैं।

 11 अगस्त, मंगलवार को सुबह 09:06 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू होगी। जो कि 12 अगस्त, बुधवार को सुबह 11:16 मिनट तक चलेगी

 जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। जन्माष्टमी 2020 की तिथि में लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि व्रत और पूजन किस दिन करना है। दरअसल इस साल अष्टमी तिथि दो दिन चलेगी। इसलिए लोग तिथि को समझ नहीं पा रहे हैं। हिंदू धर्म में सभी तीज-त्योहार तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं। तिथि को गलत समझने पर व्रत और पूजन करने में भी दिक्कत आ सकती है।

सूर्योदय से तिथि मानने के एक तर्क के अलावा एक तर्क यह भी है कि दो प्रकार के भक्त होते हैं- स्मार्त और वैष्णव। इनमें से स्मार्त वो भक्त हैं जो अपने गृहस्थ जीवन का सुख लेते हुए। सुबह-शाम धूप और अगरबत्ती जलाकर भगवान के विग्रह या प्रतिमा का पूजन किया करते हैं। जबकि वैष्णव भक्त वो होते हैं, जिन्होंने अपना जीवन भगवान विष्णु या श्री कृष्ण के नाम कर दिया है। जो सोते, उठते, जागते, बैठते या बोलते समय भगवान का स्मरण किया करते हैं। स्मार्त भक्तों का यह मानना होता है कि जिस समय जो तिथि चल रही है। वही तिथि उस समय मनाई जाए। स्मार्त भक्त सूर्योदय को तिथि के साथ जोड़कर नहीं देखते हैं। जबकि वैष्णव भक्त वो होते हैं, जो तिथि को सूर्योदय के जोड़ते हैं और उसी तिथि के अनुसार व्रत, पूजन और अभिषेक आदि करते हैं।

जन्माष्टमी वो दिन है जिस दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन की तैयारियों हर जगह चल रही हैं। इस दिन श्रीकृष्ण को बाल-गोपाल रूप में पूजा जाता है। कृष्ण भक्तों को इस दिन का इंताजर पूरे वर्ष रहता है। खासतौर से मथुरा और द्वारिका नगरी में इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस बार लोग बहुत असमंजस में हैं जनमाष्टमी 11 तारीख को मनाई जाए या 12 तारीख को।

12 अगस्त को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा जो 13 अगस्त तक रहेगा। पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। वैदिक या हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में ही मनाई जाती है। कई बार ऐसा होता है कि ज्योतिष गणना में तिथि और नक्षत्र के समय में अंतर पाया जाता है। यही कारण होता है कि तारीखों का मतभेद नजर आता है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। वहीं, इस वर्ष भी यही संयोग बना हुआ है। इसी की वजह से 11 तथा 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। हालांकि, कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां 13 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इसी वजह से लोग बेहद असमंजस में है कि आखिर जन्माष्टमी मनाए जाने की मुख्य तिथि क्या है। ज्यादातर पंचांगों में 11 और 12 अगस्त को जन्माष्टमी है। लेकिन ऋषिकेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में 13 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाए जाने की तैयारी की जा रही है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है और इसे हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है।

ज्योतिष गुरु राजेश जी; कार्यालय: बूथ न: 5 सेक्टर 19  हुडा मार्किट पार्ट, 2 फरीदाबाद हरियाणा। नजदीक बैंक ऑफ  बड़ौदा

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