Thursday 6 August 2020

स्टार्टअप इकाइयों के लिए केंद्र सरकार की योजना सराहनीय, बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए हो न्यूनतम लिमिट : नीरज मुंजाल


गुरुग्राम 6 अगस्त (रैपको न्यूज़/ नरेंद्र रजनीकर)। कन्फरडेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) हरियाणा स्टेट काउंसिल के पूर्व चेयरमैन नीरज मुंजाल ने रिजर्व बैंक द्वारा देश के स्टार्टअप्स सेक्टर के लिए फंडिंग को आसान बनाने तथा प्रियोरिटी सेक्टर लेंडिंग में स्टार्टअप्स को शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे निश्चित रूप से वे उद्योग प्रबंधक लाभान्वित होंगे जो स्टार्टअप्स इकाइयों की स्थापना कर रहे हैं।
श्री मुंजाल के अनुसार वर्तमान में जबकि केंद्र सरकार स्टार्टअप्स इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, ऐसे में वित्त संबंधी समस्याएं इन इकाइयों के समक्ष एक बड़ी बाधा बनी हुई है।
श्री मुंजाल के अनुसार इसका मुख्य कारण यह है कि स्टार्टअप्स इकाइयों को शुरुआती तौर पर ही वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है, परंतु क्योंकि इनका रिकॉर्ड पहले से नहीं चल रहा होता, ऐसे में बैंकों द्वारा वह वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती, जिसकी जरूरत होती है।
श्री मुजाल का मानना है कि प्रियोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत इस सेक्टर को शामिल करने का लाभ निश्चित रूप से इस क्षेत्र को मिलेगा, परंतु इस संबंध में भी आवश्यकता इस बात की है कि केंद्र सरकार, बैंकों व वित्तीय संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि जो लाभ इन इकाइयों के लिए है वह केवल इन्ही इकाइयों के लिए जारी किया जाए।
श्री मुंजाल ने इसके साथ-साथ बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए प्रति वर्ष एक लिमिट निर्धारित करने की मांग भी की है, ताकि कम से कम एक निर्धारित संख्या में स्टार्टअप इकाइयों को वर्ष भर में आर्थिक व वित्तीय सहायता प्रदान की जाएं।
श्री मुंजाल का मानना है कि स्टार्टअप इकाइयों को लाभ मिल सके इसके लिए आवश्यकता इस बात की है कि संबंधित आवेदन को एक निर्धारित समय अवधि में निपटाया जाए और यदि ऐसा नहीं किया जाता तो ऊपरी स्तर पर एक कमेटी हो जो आवेदक को बता सके कि वह कहां औपचारिकता पूरी नहीं कर पा रहा और क्या क्या परिवर्तन किए जाने चाहिए।
श्री मुंजाल ने इस संबंध में औद्योगिक संगठनों से भी आगे आकर कार्य करने का आह्वान किया है।
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