Thursday 10 September 2020

एन‌एच 1 ई विडो होम में निर्माण कार्य बना विवादों का केंद्र, सीएम विंडो व निगम में शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं



फरीदाबाद, 9 सितंबर। क्या वास्तव में फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त श्री यश गर्ग के निर्देशानुसार अवैध निर्माणों पर अंकुश लग रहा है या यह निर्देश महज समाचारों के सुर्ख़ियों तक ही सीमित है, ऐसी चर्चा एन‌आईटी क्षेत्र में आजकल आम बनी हुई है।

निगम अधिकारियों की मानें तो पीला पंजा अवैध निर्माण को ध्वस्त कर रहा है, परंतु क्या यही वास्तविकता है, इसका जवाब शायद ना में ही सामने आएगा।

पिछले दिनों एन‌एच 1 व 5 में अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए पीला पंजा जिस प्रकार चला, उसका विवाद अभी खत्म नहीं हुआ कि एन‌एच एक विडो होम में बन रहा एक निर्माण विवादों में आ गया है।

सूत्रों के अनुसार इस निर्माण को लेकर कई लोग फरीदाबाद नगर निगम कार्यालय तक तक अपनी पहुंच बना चुके हैं, परंतु शायद निर्माणकर्ता की पहुंच उनसे भी कहीं ऊपर है, लिहाजा एक मंजिल 2 मंजिल 3 मंजिल तक का कार्य चल रहा है और कोई पूछने वाला नहीं है कि अनुमति किससे ली है और शिकायतकर्ता की जो शिकायत है उसका समाधान हुआ या नहीं।

शिकायतकर्ता की माने तो निगम अधिकारी इस निर्माण की ओर आए जरूर, कुछ गहमा गहमी भी दिखी, परंतु उसके बाद सब कुछ सामान्य सा हो गया।

शिकायतकर्ता द्वारा सीएम विंडो को भेजे पत्र में बताया गया है कि निर्माणकर्ता ने अवैध निर्माण की सभी हदें तोड़ दी हैं और वह सरकारी जमीन पर भी स्ट्रक्चर खड़ा कर रहा है। सड़कों के आसपास गरीब लोगों की रेहड़ियों को हटाने वाले नगर निगम कर्मचारियों को शायद यह सरकारी जमीन दिखाई नहीं दे रही, जा वे इसे देखना नहीं चाहते, शायद यही कारण हैं कि निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है और कोई पूछने वाला नहीं है कि शिकायतकर्ता की शिकायत में कितना दम है, या सच्चाई क्या है?

शिकायतकर्ता की माने तो बिल्डिंग बनाए जाने की कोई परमिशन या नक्शा पास तो दूर सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है, परंतु उसकी बात नगाड़खाने में तूती की आवाज ही सिद्ध हुई है। मामले को निगम अधिकारियों एवम् सरकार के समक्ष रखे जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई बल्कि मंजिलों का साइज बढ़ गया।

इधर दूसरी और ऐसी भी चर्चा है कि निर्माण को लेकर सीएम विंडो में भी गोलमोल सा जवाब देकर  अपना पल्ला झाड़ा जा सकता है।

आने वाले समय में अवैध निर्माण, निगम आयुक्त के निर्देश और पीले पंजे का रुख क्या रहता है यह तो समय ही बताएगा परंतु यह साफ है कि पीले पंजे की जो कार्रवाई चल रही है वह निष्पक्ष नहीं दिखाई दे रही और माथा देखकर तिलक लगाया जा रहा है। 

देखना यह है कि अब उक्त मामले में निगम अधिकारी क्या रुख अपनाते हैं और शिकायतकर्ता की शिकायत पर क्या कार्रवाई की जाती है?

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