गुरुग्राम, 21 मार्च (रैपको न्यूज़)। हरियाणा स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडीडेट्स की ऑटो कंस्ट्रक्शन और गारमेंट एक्सपोर्ट की लगभग 500 इकाइयां नोएडा के सेक्टर 29 में स्थानांतरण होने की तैयारी में बताई जाती है।
इन उद्योग प्रबंधकों का कहना है कि उनके यहां 80% से अधिक कर्मचारी दूसरे राज्यों के हैं जो अक्सर आते जाते रहते हैं। हरियाणा सरकार के उपरोक्त एक्ट के अंतर्गत उन्हें 75% स्थानीय नवयुवकों की भर्ती करनी होगी इसलिए उनके पास औद्योगिक संस्थान बंद करने या पलायन के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईएमटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारी नोएडा में अपने लिए संभावनाएं तलाश करने गए थे। उन्हें सेक्टर 29 सबसे अधिक अनुकूल मिला। जेवर हवाई अड्डा और यमुना एक्सप्रेस एवं फ्रेट कॉरिडोर जैसी सुविधाएं यहां उपलब्ध होंगी।
गारमेंट एक्सपोर्ट इंडस्ट्री का कहना है कि उन्हें सिलाई के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी चाहिए जो उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों से आते हैं। ऑटो इंडस्ट्री में भी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड ,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोग ही होते हैं । यही स्थिति कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री की है।
मानेसर आईएमटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव मनोज त्यागी ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि एक्सपोर्ट गारमेंट, ऑटो कॉम्पोनेंट और कंस्ट्रक्शन से जुड़े उद्योग प्रबंधकों की एक टीम सेक्टर 29 का दौरा कर चुकी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विस्तृत बातचीत के लिए समय मांगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये उद्यमी राज्य में एक अच्छा पैकेज, बिजली व अन्य सुविधाओं के लिए पैकेज चाहते हैं।
हालांकि हरियाणा सरकार ने इस एक्ट के लिए ऑनलाइन सुझाव मांगे हैं, परंतु सरकार इसमें कोई बदलाव करेगी, इसकी संभावना नाममात्र है। जब यह कानून लागू होता है तो उद्योगों के पास पलायन के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचेगा।
कानून बनने के बाद यह पहली प्रतिक्रिया सामने आई है जो राज्य के औद्योगिक विकास के लिए चिंताजनक कही जाएगी। इससे नया निवेश प्रभावित होगा, इसमें दो राय नहीं, परंतु जो उद्योग चल रहे हैं, उनके पलायन संबंधी समाचारों को ठीक नहीं कहा जा सकता।
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