श्री नौनिहाल के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्यो को कोविड से निपटने के जो अधिकार दिए है, उसका सबसे ज्यादा नाकारत्मक प्रभाव दुकानदारों एवम् व्यापारियों पर पड़ रहा है।
श्री नौनिहाल के अनुसार एनआईटी क्षेत्र के बाजार पिछले लगभग 25 से 30 दिन से बंद है, ऐसे में बैंक की किश्तों, बिजली के बिलों के भुगतान के साथ-साथ कर्मचारियों के वेतन, दुकान तथा मकान के किराए भुगतान ने व्यापारियो की कमर ही तोड़ के रख दी है।
श्री नौनिहाल ने कहा कि पिछले साल घोषित लॉकडॉन के समय पूर्ण रूप से बंद बाजारों का दुकानदारों एवम् व्यापारियों पर आंशिक असर पड़ा क्योंकि यदि कुछ कमाया नहीं तो कुछ भुगतान भी नही किया गया, किंतु वर्तमान में कमाई तो शून्य किंतु सरकारी विभागों, बैंको एवम् फाइनेंशियल संस्थानों के अनिवार्य भुगतान ने सभी वर्गो को हाशिए पर धकेल दिया है।
श्री नौनिहाल ने केंद्र एवम राज्य सरकार आग्रह किया है कि जीएसटी और इनकम टैक्स की रिटर्न के रिकॉर्ड आधार पर दुकानदारों एवम् व्यापारियों को न्यूनतम दर पर ऋण और बैंक से अनुदान उपलब्ध की योजना की मांग भी सरकार से की है।
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