इस अवसर पर स्कूल के डायरेक्टर दीपक यादव ने कहा कि भारतीय टीम 1980 मॉस्को ओलिंपिक में अपने आठ गोल्ड मेडल में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलिंपिक पदक जीती है। मॉस्को से तोक्यो तक के सफर में बीजिंग ओलिंपिक 2008 के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाने और हर ओलंपिक से खाली हाथ लौटने की कई मायूसियां शामिल रहीं। लेकिन इस बार आठ बार की ओलिंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया जोकि हमारे लिए काफी ख़ुशी और गर्व का विषय है।
उन्होंने कहा कि हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है इसलिए यह जीत और भी मायने रखती है. इस जीत से युवा खिलाडियों का मनोबल बढ़ेगा और क्रिकेट की तरह ही हॉकी में और बेहतरीन युवा खिलाडी आएंगे।
गौरतलब है कि भारत ने हॉकी में ओलंपिक इतिहास में सबसे अधिक 12 मेडल जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना लिया है। जर्मनी की टीम 11 मेडल के साथ दूसरे नंबर पर है। अन्य कोई टीम दहाई मेडल तक नहीं पहुंच सकी है। भारत ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 में गोल्ड मेडल जीता. 1960 में सिल्वर जबकि 1968, 1972 और 2021 में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया।
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