Tuesday 21 September 2021

अंग्रेजी भाषा के शोर ने हम सभी को मानसिक रूप से अगवा कर लिया है- डॉ सविता भगत


फरीदाबाद, 21 सितंबर (रैपको न्यूज़)। डी ए वी शताब्दी महाविद्यालय, फ़रीदाबाद के हिंदी और  जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग ने  हिन्‍दी सप्ताह समारोह की श्रृंखला में राष्ट्रीय संगोष्ठी का  आयोजन किया।  यह कार्यक्रम ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से आयोजित किया गया। इस वेबिनार का विषय ' हिंदी अखबारों में भाषा का गिरता  स्तर रहा । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था सभी का हिंदी  भाषा की तरफ  रुझान बढ़ाना । महाविद्यालयय की प्राचार्या  डॉ. सविता भगत ने अपने सम्‍बोधन में कहा कि हिन्‍दी अधिकतर  लोगों द्वारा बोली जाती है और यह राजकीय भाषा है। नई भाषाएँ चाहे जितनी भी सीख  लिया जाएँ लेकिन हमें हिंदी भाषा को नहीं भूलना है क्योंकि यह हमें हमारी परंपरा व संस्‍कृति से जोड़ती है।लेकिन इस के साथ साथ हमें अन्य सभी भाषाओं का भी आदर करना चाहिए । उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि आने वाले समय में मीडिया वाली हिंदी ही असली हिंदी होगी । मुख्य वक्ता प्रो चंद्रदेव यादव ने अपने वक्तव्य में  कहा  कि न्यूज चैनल के टिकर, ब्रेकिंग न्यूज, न्यूज फ्लैश में जो शब्द दिखता है, अखबार में जो शब्द छपता है, उसे ही लोग सही मानकर आगे बढ़ते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि शुद्ध और सही प्रयोग करें। गलत प्रयोग से हम अपनी पूरी पीढ़ी बिगाड़ेंगे।आज के दौर में एथिक्स, निष्पक्षता और ‘वाचडॉग’ का महत्व मीडिया पर होने वाले सेमिनार और चर्चाओं में ही सिमट कर रहा गया है। अब लगातार कम हो रही मीडिया की विश्वसनीयता और उसका गिरता स्तर गंभीर चिंता का विषय है।हिंदी अखबारों में हिंग्लिश ने जगह ले ली हैं। उन्होंने कहा कि नए शब्दों का उद्भव मीडिया की वजह से ही हुआ हैं । बीबीसी की एक वर्कशॉप "मीडिया की हिंदी " का जिक्र करते हुए उन्होंने अख़बारों में प्रयोग हो रही भाषा की तरफ संकेत किया । इस कार्यक्रम  का संचालन जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग अध्यक्ष रचना कसाना ने  किया  और सहायक प्रोफेसर ममता कुमारी ने मुख्य वक्ता, शिक्षकों और विद्यार्थियों को धन्‍यवाद ज्ञापित किया।  मुख्य अतिथि का कार्यक्रम समाप्ति पर धन्यवाद किया व भविष्य में भी जुड़े रहने के लिए आमंत्रित किया। सत्र के अंत में प्रतिभागियों के प्रश्नों को लिया गया। इस वेबिनार में 10 राज्यो के लगभग 100  प्रतिभागियों ने भाग लिया । इस वेबिनार  की संयोजिका  रचना कसाना रही एवं स्वेता वर्मा और ममता कुमारी संयुक्त सचिव  रहे।

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