Wednesday 24 November 2021

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए क्रायो तकनीक का इस्तेमाल करने वाला फरीदाबाद का पहला अस्पताल बना


फरीदाबाद, 24 नवंबर (रैपको न्यूज़)। फरीदाबाद स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल शहर में इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी में अत्याधुनिक क्रायो तकनीक का इस्तेमाल करने वाला पहला अस्पताल बन गया है। इस टैक्नोलॉजी से एंडोब्रोनकियल ट्यूमर (विंडपाइप के अंदर के ट्यूमर) की बायोप्सी की जा सकेगी। इससे फेफड़ों के कैंसर वाले मरीज़ों के इलाज में बहुत सुधार होगा। इस तकनीक को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल फरीदाबाद में पल्मोनोलॉजी के अतिरिक्त निदेशक और सलाहकार, डॉ. रवि शेखर झा की देखरेख में लागू किया गया है।

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल फरीदाबाद में पल्मोनोलॉजी के अतिरिक्त निदेशक और एचओडी, डॉ. रवि शेखर झा ने कहा, “पल्मोनोलॉजी ओपीडी में फेफड़ों के कैंसर के मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। हम हर महीने फेफड़ों के कैंसर के लगभग 10-12 नए मामले देख रहे हैं। जबकि 5 साल पहले हमारे यहां हर महीने करीब 4 केस आया करते थे। युवाओं में यह बीमारी में तेज़ी से बढ़ रही है। क्रायो- टैक्नोलॉजी कैंसर का जल्दी पता लगाने और कैंसर के बाद के चरणों में पैलीअटिव केयर में मदद करती है। फ्रीजिंग प्रोसेस का इस्तेमाल करके मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया से फेफड़ों के कैंसर से ग्रस्त बड़े हिस्सों को हटाया जाता है। फ्रीजिंग प्रोसेस से सामान्य बायोप्सी में होने वाला रक्तस्राव नहीं होता। यह ट्यूमर डीबुलकिंग की सबसे सुरक्षित प्रक्रियाओं में से एक है। क्रायो के महत्वपूर्ण कामों में आईएलडी (इंटरस्टिशियल लंग डिजीज), सारकॉइडोसिस (एक या एक से ज़्यादा अंगों को प्रभावित करने वाली सूजन की बीमारी), लिम्फोमा (कैंसर का एक प्रकार जो इम्यून सिस्टम के संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं में शुरू होता है), फेफड़ों से फॉरेन बॉडी और रक्त के थक्के को हटाना, ऑब्सट्रक्टिव टर्चेअल और /या ब्रोन्कियल ट्यूमर का रिकैनलिज़शन, और कार्सिनॉइड ट्यूमर (एक ट्यूमर जो अक्सर पेट में शुरू होता है) का निदान और उपचार शामिल है।”

फोर्टिस हेल्थकेयर के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ. अजय डोगरा ने कहा, “स्वास्थ्य सेवा देने वाले प्रमुख संस्थान के तौर पर हम गैर- संक्रामक और संक्रामक रोगों के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली टैक्नोलॉजी को लगातार अपग्रेड कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते प्रदूषण और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, व्यायाम की कमी, तंबाकू के इस्तेमाल में बढ़ोतरी और असंतुलित भोजन जैसे कारणों से फेफड़ों और दूसरी तरह के कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। कैंसर केयर में अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके, हम कैंसर के इलाज से मिलने वाले परिणामों में सुधार लाने के लिए विभिन्न तरह के कैंसर के मामलों का सही समय पर और सटीकता से पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कैंसर दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण है। वर्ष 2020 में लगभग 10 मिलियन लोगों की मौत कैंसर से हुई है। फेफड़ों का कैंसर वर्ष 2020 में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे आम कारण था। इस वर्ष 1.80 मिलियन मौतें फेफड़ों के कैंसर से हुई थीं। कैंसर से होने वाली लगभग एक-तिहाई मौतें तंबाकू के सेवन, हाई बॉडी मास इंडेक्स, शराब के इस्तेमाल, कम मात्रा में फल और सब्जियों के  सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण होती हैं। अत्याधुनिक तरीकों के ज़रिएसही समय पर कैंसर का पता लगाकर कैंसर के उपचार में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।

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