Thursday 29 February 2024

एनबीजीएसएम कॉलेज सोहना में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन



दिल्ली, 28 फरवरी (रैपको न्यूज़)। यहां निरंकारी बाबा गुरुबचन सिंह मेमोरियल कॉलेज सोहना, गुरुग्राम में "अंग्रेजी साहित्य का भविष्यः उभरते रुझान और अवसर" विषय पर महानिदेशक उच्च शिक्षा, हरियाणा के सहयोग से एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सेमिनार का आयोजन मुख्य संरक्षक एवं एनबीजीएसएम कॉलेज गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष श्री आर.एस. मन्हास एवं कार्यक्रम संरक्षक एवं कॉलेज प्राचार्या श्रीमती प्रेरणा शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में किया गया। इस सेमिनार का उद्देश्य अंग्रेजी साहित्य में बदलते रुझानों की जांच करना था। सेमिनार की शुरुआत विद्या की देवी मां सरस्वती की वंदना से हुई। कार्यक्रम आयोजन सचिव डॉ. अंशिका ने अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती प्रेरणा शर्मा ने दिया। सेमिनार का थीम डॉ. डी.पी. सिंह, संयोजक द्वारा प्रस्तुत किया गया। डॉ. सिंह ने सेमिनार की अवधारणा और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इस सेमिनार के उ‌द्घाटन सत्र में डॉ. आर.पी. सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर और एचओडी अंग्रेजी विभाग, गवर्नमेंट पीजी महिला कॉलेज, नारनौल ने अपना मुख्य भाषण दिया। अंग्रेजी साहित्य के वर्तमान रुझानों पर जोर देते हुए डॉ. सिंह ने शिक्षार्थियों को उस विशेष भाषा के स्वतंत्र उपयोगकर्ताओं के रूप में विकसित होने में मदद करने के लिए साहित्य सिखाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने डिजिटल युग में साहित्य में आने वाले बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साहित्य के वर्तमान रुझानों का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे इसके दृष्टिकोण दृष्टिकोण ने डिजिटल युग में अंग्रेजी साहित्य के भविष्य को आकार दिया है। उ‌द्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि श्री दिनेश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर और एचओडी अंग्रेजी विभाग, दयाल सिंह कॉलेज करनाल, ने अपने वक्तवय में बताया कि 21वीं सदी में पारंपरिक आंदोलनों और तकनीकों के अनुकूलन जैसे कई रुझान उभरे हैं और उभर रहे हैं। डिजिटल या साइबर साहित्य नवीनतम चलन है जिसमें सृजन के कार्य विशेष रूप से डिजिटल उपकरणों पर और उनके लिए होते हैं। डिजिटल मीडिया अंग्रेजी साहित्य की पहुंच और अकादमिक विश्लेषण को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण साबित होता है। उ‌द्घाटन सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. डी.पी. सिंह ने दिया। इस सेमिनार में वक्ताओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से आये प्रतिभागियों ने वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। चार समानांतर तकनीकी सत्रों में 58 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। सेमिनार के समापन सत्र के मुख्य अतिथि एसएसबी पीजी कॉलेज बलिया (उत्तर प्रदेश) के प्राचार्य डॉ. राम शर्मा रहे। डॉ. शर्मा अंग्रेजी साहित्य के एक प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं और वे एक प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। वह अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं जिसके माध्यम से वह देश के युवाओं को प्रेरित करते हैं। समापन सत्र में डॉ. अंशिका द्वारा सेमिनार का सारांश प्रस्तुत किया गया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत के सात राज्यों से 76 प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लेकर लाभ उठाया। सेमिनार के अंत में प्राचार्या श्रीमती शर्मा ने सेमिनार के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में. डॉ. डी. पी. सिंह, डॉ. अंजू मेहरा, डॉ. सुनील मिश्रा, डॉ. गीता गुप्ता, सुभाष कैलोरिया एवं मैडम शिल्पा का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन गायत्री मंत्र उच्चारण के साथ हुआ।

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