चंडीगढ़ 14 अक्तूबर (रैपको न्यूज)। हरियाणा देश का सबसे अधिक व्यापार-अनुकूल राज्य बनने के अपने लक्ष्य की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आज यहां एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य की विनियमन और अनुपालन सरलीकरण से जुड़ी पहलों की समीक्षा की। इनमें से 82 प्रतिशत पहलों को या तो लागू किया जा चुका है या इन पर तत्परता से काम चल रहा है।
बैठक में अनुपालन कमी से जुड़े 11 प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्रों की समीक्षा की गई, जिन्हें नियामक बाधाओं को दूर करने और सभी क्षेत्रों में व्यवसायों के लिए अनुमोदन में तेज़ी लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि डिरेगुलेशन सेल द्वारा पाँच पहलों को पूरी तरह से लागू किया जा चुका है, 14 पहलें इस समय विभिन्न विभागों द्वारा तत्परता से कार्यान्वित की जा रही हैं और केवल चार केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।
सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक औद्योगिक भूमि के लिए एक व्यापक जीआईएस-आधारित डेटाबैंक का शुभारंभ है। इसे हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा विकसित और भारत औद्योगिक भूमि बैंक के साथ एकीकृत किया गया है। यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म निवेशकों को अभूतपूर्व गति और पारदर्शिता के साथ औद्योगिक प्लॉटों की पहचान, तुलना और अधिग्रहण करने की सुविधा देता है।
राज्य ने भवन अनुमोदन और संयुक्त निरीक्षणों में सूचीबद्ध थर्ड पार्टी एजेंसियों की भूमिका का भी विस्तार किया है, जिससे स्वीकृति प्रक्रिया में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। नियमित तकनीकी मूल्यांकन अब इन प्रमाणित एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। इससे विभागों को नीतिगत कार्यों और निगरानी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में सुविधा मिल रही है।
राज्य सरकार ने कारखानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में महिलाओं को रात्रिकालीन पाली में कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी है, जिससे रोजगार के नए अवसर खुले हैं। यह अनुमति सुरक्षित और विनियमित परिस्थितियों में दी जाएगी। इसके साथ ही, पहले से प्रतिबंधित कुछ उद्योगों में महिलाओं के कार्य पर लगे पुराने प्रतिबंध भी हटाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, मसौदा दुकान अधिनियम और पंजाब फैक्ट्री नियम, 1952 में संशोधन करके आधुनिक सुरक्षा मानकों को शामिल किया जा रहा है। इन सुधारों से महिलाओं की कार्यस्थल भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। हरियाणा अब "सभी के लिए एक जैसा नियम" मॉडल से हटकर एकीकृत जोखिम-आधारित नियामक प्रणाली अपनाने जा रहा है, जिससे छोटे और मध्यम जोखिम वाले उद्यमों को प्रत्यक्ष सरकारी निरीक्षण के बजाय थर्ड पार्टी निरीक्षण की सुविधा मिलेगी। भवन अनुमति, कब्जा प्रमाणपत्र आदि की प्रक्रिया को भी सरल और समयबद्ध बनाया गया है।
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