Saturday 29 December 2018

गैर प्रदूषित ईकाईयोंं को राहत प्रदान करने हेतु ठोस नीति जरूरी : खेमका


(रैपको न्यूज़ प्रतिनिधि)
फरीदाबाद। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री संजीव खेमका ने केंद्र व हरियाणा सरकार से फरीदाबाद व एनसीआर में कार्यरत उद्योगों के लिये बृहत तौर पर ऐसी नीति तैयार करने की मांग की है जिससे इस क्षेत्र में उद्योगों के समक्ष आ रही समस्याओं से निजात मिल सके और प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मुहिम में गैर प्रदूषित ईकाईयां प्रभावित न हो सकें।
श्री खेमका के अनुसार पिछले दो-तीन वर्षों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी और ईपीसीए के आदेशों द्वारा औद्योगिक गतिविधियों पर जिस प्रकार शिकंजा कसा गया है, वह निश्चित रूप से चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि इससे वह उद्योग भी प्रभावित हुए हैं जो प्रदूषण संबंधी कैटागिरी में नहीं आते।
श्री खेमका ने स्पष्ट करते कहा है कि फरीदाबाद व एनसीआर में कई ऐसी ईकाईयां है जो प्रदूषण नियंत्रण मानकों पर खरी उतर रही हैं और कई ऐसी ईकाईयां है जो ग्रीन कैटागिरी में हैं। यही नहीं अधिकतर ईकाईयां सहायक व ओईएम के रूप में कार्यरत हैं जिनका प्रदूषण संबंधी कोई रिकार्ड नहीं है और न ही वे इस कैटागिरी में आती हैं।
श्री खेमका के अनुसार अक्सर यह देखा गया है कि जब कोई उच्च व शीर्ष संस्था प्रदूषण संबंधी रोकथाम के लिये आदेश देता है तो इसे सभी प्रकार की ईकाईयों पर लागू मान लिया जाता है जिससे समस्त औद्योगिक क्षेत्र प्रभावित होता है।
श्री खेमका का मानना है कि स्वयं उद्योग प्रबंधक भी इसी समाज का एक हिस्सा हैं और प्रदूषण नियंत्रण संबंधी अपनी भूमिका को वे स्वीकार भी करते हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण हरित अभियान में भागीदारी व प्रदूषण नियंत्रण हेतु सहभागिता है।
श्री खेमका ने केंद्र व हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि वह ऐसी नीति तैयार करे जिससे प्रदूषण संबंधी आदेशों या मुहिम से वे ईकाईयां प्रभावित न हों जिनका प्रदूषण से कोई वास्ता नहीं है।
श्री खेमका ने वाहनों द्वारा फैल रहे प्रदूषण पर रोक लगाने के लिये भी कड़े पग उठाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मुहिम तभी सफल हो सकती है जब वाहनों से फैल रहे प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके। इसके साथ-साथ आपने दिल्ली व एनसीआर में कूड़ा जलाने, आस-पास के क्षेत्रों में पराली जलाने पर भी रोक लगाने हेतु ठोस नीति की मांग की है। 
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