(रैपको न्यूज़ प्रतिनिधि)
गुरूग्राम। गुडगांव इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान जे एन मंगला ने बताया कि उद्योगों की बिजली विभाग से सम्बन्धित समस्याओं का स्थानीय अधिकारियों द्वारा समाधान ना होने के कारणं एचईआरसी में अपील करने का फैसला लिया गया। एचईआरसी को भेजी गई अपील में निमन्लिखित विषयों पर समाधान हेतू अपील की गई है।
श्री मंगला के अनुसार डीएचबीवीएन ने जो नोटिस पिछले दो सालों का (1.4.2015 से31.3.2017) केडब्ल्यूएच से केवीएएच में कन्वर्ट करके डिफरेंस अमाउंड आता है और जोकि लाख रुपयों में बनाता है, रिकवरी नोटिस उद्योगों को दिए हैं जिसमें उद्योगो की गलती ना होकर बिजली विभाग की ही गलती है। उन्हे खत्म करने की अपील की गई है।
जीआईए के महासचिव दीपक मैनी ने बताया कि इसी प्रकार से एसीडी के नाम पर एक वर्ष के एवरेज के आधार पर डेढ़ महीने के एसीडी की डिमांड की गई है जो कि इंडस्ट्री पर अतिरिक्त बोझ है, इसे भी तुरंत प्रभाव से खतम किया जाए।
जीआईए ने माननीय चेयरमैन एचईआरसी को यह भी कहा है कि दूसरे राज्यों में 100 किलोवाट तक का कनेक्शन एलटी में दिया जाता है लेकिन हरियाणा में 50 किलो वाट तक का ही कनेक्शन एलटी में दिया जाता है। जीआईए ने चेयरमैन से पटीशन में हरियाणा में भी 100 किलो वाट तक कनेक्शन एलटी में दिया जाए इसकी भी अपील की गई है।
जीआईए की बिजली विभाग की सब कमेटी के चेयरमैन और संयुक्त सचिव मनोज जैन ने बताया कि इसके अतिरिक्त
बिजली विभाग एक इंडस्ट्रियल प्लॉट में दूसरा कनैक्शन देने में आनाकानी करते हैं, जबकि बिजली विभाग द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार अलग अलग मंजिल पर या दो अलग कंपनी होने पर अलग कनैक्शन दिये जा सकते हैं। इस बारे में भी विभाग को उचित दिशा निर्देश जारी करने के लिए अपील की गयी है जिससे उद्योगों को सुविधा मिल सके।
गुरूग्राम। गुडगांव इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान जे एन मंगला ने बताया कि उद्योगों की बिजली विभाग से सम्बन्धित समस्याओं का स्थानीय अधिकारियों द्वारा समाधान ना होने के कारणं एचईआरसी में अपील करने का फैसला लिया गया। एचईआरसी को भेजी गई अपील में निमन्लिखित विषयों पर समाधान हेतू अपील की गई है।
श्री मंगला के अनुसार डीएचबीवीएन ने जो नोटिस पिछले दो सालों का (1.4.2015 से31.3.2017) केडब्ल्यूएच से केवीएएच में कन्वर्ट करके डिफरेंस अमाउंड आता है और जोकि लाख रुपयों में बनाता है, रिकवरी नोटिस उद्योगों को दिए हैं जिसमें उद्योगो की गलती ना होकर बिजली विभाग की ही गलती है। उन्हे खत्म करने की अपील की गई है।
जीआईए के महासचिव दीपक मैनी ने बताया कि इसी प्रकार से एसीडी के नाम पर एक वर्ष के एवरेज के आधार पर डेढ़ महीने के एसीडी की डिमांड की गई है जो कि इंडस्ट्री पर अतिरिक्त बोझ है, इसे भी तुरंत प्रभाव से खतम किया जाए।

जीआईए की बिजली विभाग की सब कमेटी के चेयरमैन और संयुक्त सचिव मनोज जैन ने बताया कि इसके अतिरिक्त
बिजली विभाग एक इंडस्ट्रियल प्लॉट में दूसरा कनैक्शन देने में आनाकानी करते हैं, जबकि बिजली विभाग द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार अलग अलग मंजिल पर या दो अलग कंपनी होने पर अलग कनैक्शन दिये जा सकते हैं। इस बारे में भी विभाग को उचित दिशा निर्देश जारी करने के लिए अपील की गयी है जिससे उद्योगों को सुविधा मिल सके।
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