Wednesday 20 March 2019

स्किल इंडिया को बेहतर बनाने की योजना, स्किल वाऊचर जारी करने की तैयारी


गुरूग्राम। स्किल इंडिया  को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार आने वाले समय में युवाओं को उनके पसंदीदा स्किलिंग प्रोग्राम चुनने के विकल्पों को बढ़ावा देने के उददेश्य से स्किल वाउचर या स्किल वॉलेट्स जारी करने पर विचार कर रही है। वाउचर का इस्तेमाल अप्रूव्ड स्किल प्रोवाइडर्स में स्किल ट्रेनिंग के लिए किया जा सकेगा। सूत्रों की माने तो स्किल वाउचर/वॉलेट की रिडीमेबल वैल्यू चुने जाने वाले कोर्स पर निर्भर करेगी। मौजूदा सिस्टम में ट्रेनर्स और एंप्लॉयर्स को स्किल ट्रेनिंग और अप्रेंटिसशिप के लिए सब्सिडी दी जाती है। सरकार की तरफ से उठाया जानेवाला कदम सब्सिडी बेस्ड सिस्टम से इनसेंटिव बेस्ड स्किल इंडिया मिशन की तरफ शिफ्ट के हिसाब से है।
सूत्रों  के अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डिवेलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप युवाओं को स्किलिंग प्रोग्राम के वास्ते बढ़ावा देने के लिए इनसेंटिव मुहैया कराने के तौर-तरीकों पर विचार कर रही है। इसका एक तरीका यह हो सकता है कि स्टूडेंट्स को वाउचर या वॉलेट इश्यू किया जाए, जिनको स्किल ट्रेनिंग के बाद रिडीम कराया जा सकता हो। इससे युवाओं को उनकी पसंद के हिसाब से कोर्स चुनने को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि ट्रेनर्स अच्छी गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण देंगे। नया सिस्टम लागू करने का मकसद कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर में स्किल ट्रेनिंग के लिए 100 प्रतिशत रिडीम होनेवाला वॉलेट/वाउचर जारी करना है क्योंकि इन सेक्टर में स्टार्टिंग सैलरी आमतौर पर इतनी नहीं होती कि उससे ट्रेनिंग की लागत कवर हो जाए। हालांकि ब्यूटिशियन या फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्सेज में स्टार्टिंग सैलरी ज्यादा होती है इसलिए, उनमें वाउचर की पूरी रकम रिडीम नहीं की जा सकेगी। कोर्स फीस का कुछ हिस्सा कैंडिडेट्स को खुद चुकाना होगा। एक समाचारपत्र के अनुसार इससे युवाओं को अपनी पसंद का कोर्स चुनने के लिए बढ़ावा मिलेगा और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ज्यादा युवाओं को आकर्षित करने के लिए अपने कोर्स का दायरा बढ़ाने अपनी ट्रेनिंग क्वॉलिटी सुधारने को मजबूर हो जाएंगे। स्किल डिवेलपमेंट मिनिस्ट्री का मानना है कि पिछले चार साल में स्किल इंडिया मिशन के तहत पर्याप्त कंसॉलिडेशन और अपग्रेडेशन हो चुका है। अब नए मॉडल के साथ एक्सपेरिमेंट करने की जरूरत  है।
एमएसडीई की तरफ से 2017-18 के लिए जारी एनुअल रिपोर्ट में 2017 से 2022 के बीच डोमेस्टिक इंडस्ट्री के 34 सेक्टर्स में 12.8 करोड़ के स्किल्ड लेबर की डिमांड रहने का अनुमान दिया गया था। एमएसडीई की 2015-16 की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया की 5 फीसदी  से भी कम वर्कफोर्स फॉर्मल तौर पर स्किल्ड है, जबकि साउथ कोरिया में 96 फीसदी  , जापान में 80 फीसदी , जर्मनी में 75 फीसदी, ब्रिटेन में 68फीसदी और अमेरिका में 52 फीसदी वर्कफोर्स को फॉर्मल स्किल्ड ट्रेनिंग मिली हुई है।
पोस्ट शेयर करें, कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें

Author:

0 comments: