Monday 11 May 2020

प्रशासनिक तत्परता के बावजूद फरीदाबाद में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ी, 4 मौतों सहित कुल संक्रमण आंकड़ा 102 तक पहुंचा


फरीदाबाद। जिला उपायुक्त श्री यशपाल यादव के नेतृत्व में प्रशासन जहां कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयासों में जुटा हुआ है, वहीं आज फरीदाबाद में 6 नए कोरोना संक्रमण के मामलों ने फरीदाबादवासियों में तनाव को बढ़ा दिया।
लाक डाउन के तीसरे चरण अर्थात लाक डाउन 3 में माना जा रहा था कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सफलता प्राप्त कर ली जाएगी, परंतु जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे साफ है कि फरीदाबाद में कोरोना संक्रमण बढ़ा है।
 यहां यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद जिला प्रशासन कोरोना के प्रति जनता में जागरूकता लाने में सफल रहा है, सोशल डिस्टेंस के संबंध में जागरूकता व कंटोनमेंट जोन के रूप में जिस प्रकार कार्य किया गया, उसके लिए जिला उपायुक्त की सराहना सभी वर्ग कर रहे हैं, परंतु आंकड़ों से यह भी साफ है कि कोरोना का संकमण बढ़ रहा है, जिसका अर्थ साफ है कि लॉक डाउन के सिद्धांतों की पालना, सोशल डिस्टेंस के नियमों या स्वच्छता को लेकर कहीं ना कहीं कोताही बरती गई।
आंकड़ों के अनुसार फरीदाबाद में 2 मई को कोरोना संक्रमण लोगों की संख्या 63 थी जिसमें 20 एक्टिव केस थे जबकि 42 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी थी। 2 मई तक कोरोनावायरस से फरीदाबाद में केवल एक ही मौत हुई थी।
 3 मई को संक्रमण के लोगों का आंकड़ा 73 के स्तर तक पहुंच गया। 4 मई को 75, 5 म‌ई को 76, 6 म‌ई को 78, 7 मई को 85, 8 म‌ई को 88, 9 म‌ई को 94, 10 मई को 96 का आंकड़ा सामने आया।
11 मई को शतक के आंकड़े को पार करते हुए दुर्भाग्यवश 102 तक यह आंकड़ा पहुंच गया। 11 मई सांय तक कुल कोरोनावायरस संक्रमण की संख्या 102 रही, जिनमें 41 एक्टिव मामले हैं और चार मृत्यु हो चुकी हैं।
लाक डाउन 3 के दौरान इन आंकड़ों से साफ है कि कोरोना संक्रमण लोगों की संख्या बढ़ी है, हालांकि यह भी निर्विवाद सत्य है कि प्रशासन ने कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए समय-समय पर कारगर पग उठाए और इसका लाभ भी मिला, परंतु लाक डाउन 3 के बीच में मिली छूट कहीं घातक तो नहीं सिद्ध हो रही, यह ऐसा प्रश्न हैं जो जनमानस के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
 आने वाले समय में कोरोना संक्रमण को रोकने व लाक डाउन की समय सीमा को बढ़ाने के संबंध में क्या निर्णय लिया जाता है, यह भले भविष्य के गर्भ में है परंतु यह स्पष्ट है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए जागरूकता, सोशल डिस्टेंस व स्वच्छता के सिद्धांत को हमें अपनाना होगा और स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं, निर्देशों की पालना करनी होगी क्योंकि केवल ऐसा कर ही कोरोना को पछाड़ा जा सकता है।
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