Thursday 7 May 2020

कोरोना वायरस: हमारा स्ट्रांग इम्यूनिटी सिस्टम भी बन सकता है खतरा, रहे सतर्क


दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए जहां हमारे इम्यून सिस्टम  काफी उपयोगी माना जा रहा है, वहीं जैसे-जैसे कोरोनावायरस पर अध्ययन तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं वैसे वैसे ही क‌ई न‌ए ऐसे परिणाम सामने आ रहे हैं जिन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि इसी इम्यून सिस्टम का अधिक मजबूत होना भी हमारे लिए खतरा बन सकता है।राजधानी से प्रकाशित एक समाचार पत्र के अनुसार कोरोना के कई मामलों में वायरस के लक्षण ही नहीं मिले हैं। यहां तक कि एक दिन पहले तक कोई लक्षण न दिखाई देने के बावजूद लोगों की इस वायरस के कारण मौत की खबरें भी आ रही हैं। यानी व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित है, उसको पता नहीं है और वह आम जिदंगी जी रहा है। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती है। अमेरिका, ब्रिटेन और जापान से आई रिपोर्ट्स में भी इसकी पुष्टि हुई है।
www.myupchar.com नामक वेबसाइट से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, आमतौर पर सर्दी-जुकाम, बुखार और सांस फूलना ये तीन कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसमें से एक भी लक्षण नजर नहीं आया। डॉक्टरी भाषा में इस स्थिति को असिम्टोमैटिक कहा जाता है। जिसका मतलब है कि मरीज में संक्रमण है, लेकिन लक्षण नहीं होने के कारण उसे इसकी जानकारी नहीं है और वह सामान्य रूप से यहां-वहां आ जा रहा है और दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। कोरोना वायरस ही नहीं, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों में भी मरीज असिम्टोमैटिक हो सकता है।
कोरोना वायरस के मामले में कहा जा रहा है कि जिन लोगों में बीमारियों से लड़ने की ताकत अच्छी है, यानी जिनमें इम्युनिटी अच्छी है, तो लक्षण नजर नहीं आएंगे। शरीर में संक्रमण बढ़ता रहेगा और जब वायरस इम्युनिटी पर हावी हो जाएगा, तब अचानक से लक्षण सामने आएंगे और तब तक इलाज के लिए बहुत देर हो चुकी होगी। जापान की हेल्थ एजेंसी के अनुसार, युवाओं, बच्चों और स्वस्थ्य लोगों में असिम्टोमैटिक की स्थिति हो सकती है। द यूएस सेंटर्स फॉर डिजिज एंड कंट्रोल ने भी यही बात कही है।
ऐसा नहीं है कि सरकार भी इस संबंध में गंभीर नहीं है रिपोर्ट की मानें तो यही कारण है कि भारत में मास टेस्टिंग यानी घर-घर जाकर बड़ी आबादी की जांच करने की योजना बनाई गई है। वैसे वैज्ञानिकों ने एक बात और देखी है कि पांच दिन बाद लक्षण नजर आना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर शख्स अपनी और अपने परिजन की सेहत पर नजर रखे। जरा भी शंका होने पर तत्काल डॉक्टर से जांच करवाए। शरीर के तापमान पर विशेष ध्यान दें। यह जानकारी भी महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों को क्वारंटाइन (दूसरे से अलग) में रखा जा रहा है, उनमें भी कुछ दिन बाद लक्षण नजर आ रहे हैं।
एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार आमतौर पर कोरोना का संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन जिस तरह से यह बीमारी फैल रही है, उसे देखते हुए किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। इससे सतर्क रहें।
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