Tuesday 12 May 2020

मौजूदा समय में उद्योगों समक्ष चुनौतियां बढ़ी, राहत की उम्मीद की बजाए विस्तार व आर‌एंडडी पर ध्यान देना जरूरी : प्रतीक गुप्ता


फरीदाबाद(नरेंद्र रजनीकर)। रोटरी क्लब फरीदाबाद आस्था के पूर्व प्रधान एवं युवा उद्योग प्रबंधक श्री प्रतीक गुप्ता ने कोरोनावायरस  के कारण चल रहे लोक डाउन और इससे प्रभावित हुए उद्योगों के लिए विस्तार और आरएंडटी पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते कहा है कि पूर्ण बंदी उपरांत पुनः ट्रैक पर आने के लिए उद्योगों को इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने होंगे।
श्री गुप्ता के अनुसार वर्तमान में जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, वह वास्तव में चिंताजनक हैं परंतु हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि प्रत्येक समस्या का समाधान अवश्य होता है।
आपने स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोरोनावायरस के कारण आज सभी और भय का माहौल है और इस कारण चल रहे लोक डाउन ने देश में बंदी का माहौल बना दिया है। लगभग 45 दिन से उद्योग बंद हैं, बिजनेस ठप है, ऐसे में चिंताओं का उभरना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।
श्री गुप्ता का कहना है कि आज जबकि स्वयं सरकार भी राजस्व को लेकर काफी चिंतित है ऐसे में हमें सरकार की ओर राहत के लिए अधिक नहीं देखना चाहिए, बल्कि अपने व्यवसाय और उद्योग के कार्य करने की पद्धति को और बेहतर बनाने पर ध्यान देना होगा।
श्री गुप्ता के अनुसार आज आवश्यकता इस बात की है कि हम जिस भी श्रेणी के उद्योग से संबंधित हैं, उसके भावी 6 माह के लिए अपने प्रोजेक्ट पर ध्यान दें।
आपने उदाहरण देते हुए कहा है कि आगामी 6 माह के लिए हमें बचत और विस्तार जैसी योजनाओं पर ध्यान देना होगा।
 श्री गुप्ता जो स्वयं ऑटो इंडस्ट्री से संबंधित है, का कहना है कि आने वाले समय में चार पहिया व दोपहिया वाहनों को और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, ऐसे में आगामी छह माह की प्लानिंग करते हुए यदि निर्धारित लागत को कम करने व इन्वेंटरी स्कोर न्यूनतम स्तर पर लाने की नीति तैयार की जाए तथा नए अनुसंधान के लिए ध्यान दिया जाए और निर्यात जैसे विकल्पों पर फोकस केंद्रीय किया जाए तो परिणाम काफी सकारात्मक रूप से सामने आ सकते हैं।
श्री गुप्ता के अनुसार इसके साथ-साथ प्लांट में ऑटोमेशन पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी हो गया है क्योंकि आने वाला समय समस्याओं को बढ़ाएगा।
श्री गुप्ता के अनुसार मौजूदा समस्याएं घनी रात की तरह हो सकती है, परंतु आने वाला सवेरा नई संभावना को लेकर सामने आएगा, इस उम्मीद के साथ यदि हम मौजूदा परिस्थितियों का सामना करें तो साकारात्मक माहौल में अच्छे दिनों की ओर बढ़ सकेंगे और यही आज समय की सबसे बड़ी मांग है।
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