Wednesday 13 May 2020

श्रम संबंधी विभिन्न कानूनों का निलंबन दे सकता है उद्योग जगत को राहत : मल्होत्रा


फरीदाबाद। न्यूनतम वेतन, बोनस और वैधानिक रूप से देय भुगतान को छोड़कर 2 से 3 वर्षों के लिए श्रम संबंधी कानून का निलंबन लाक डाउन की समय अवधि में उद्योगों को नुकसान से उबरने व वर्तमान परिवेश में औद्योगिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।
 डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जेपी मल्होत्रा ने यहां यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि ले आफ से संबंधित नई व्यवस्था को कार्य अमल में लाया जाए।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि औद्योगिक संगठन इस संबंध में बार-बार सरकार का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं क्योंकि इसी से उद्योगों को जहां वित्तीय भार से बचाया जा सकता है, वहीं उद्योगों को राहत प्रदान की जा सकती है जो कि वर्तमान समय में काफी आवश्यक है।
 कोरोना वायरस को लेकर सरकार व विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा है कि कोविड-19 के संबंध में विभिन्न स्तरों पर जो प्रयास किया जा रहा है उसके साथ साथ आवश्यकता इस बात की है कि एमएसएमई सेक्टर के लिए कंक्रीट पॉलिसी घोषित की जाए ताकि एमएसएमई सेक्टर को कोरोनावायरस के कारण हुए नुकसान से उबारा जा सके।
 श्री मल्होत्रा का मानना है कि एमएसएमई सेक्टर के समक्ष आ रही वेतन के भुगतान की समस्या से निजात दिलाया जाना जरूरी है और चेन सिस्टम के लिए ऐसी योजना तैयार की जानी चाहिए, जिससे रेस्टोरेशन की प्रक्रिया और तीव्र हो सके।
श्री मल्होत्रा के अनुसार वर्तमान समय में बैंकों व वित्तीय संस्थानों को एमएसएमई सेक्टर के लिए विशेष उदारवादी कदमों के साथ सहयोग के लिए आगे आना होगा और ऐसा सहयोग आवश्यक है जिससे एमएसएमई सेक्टर में आत्मविश्वास की भावना बढ़ सकें।
श्री मल्होत्रा का मानना है कि ईएसआई व पीएफ के रूप में श्रम कल्याण की कई योजनाएं जारी हैं और इसमें श्रमिकों व प्रबंधन द्वारा योगदान दिया जाता रहा है। आपने स्पष्ट करते कहा है कि आज आवश्यकता इस बात की है कि इन फंडों से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएं ताकि श्रम शक्ति को किराए के साथ-साथ भोजन संबंधी समस्याओं से निपटने में सहायताता मिले।
 श्री मल्होत्रा ने देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए प्रयासों के तहत रेड, ग्रीन व ऑरेंज जॉन की बजाए कंटेनमेंट जोन और नॉन कंटेनमेंट जोन बनाने घोषित करने का भी सुझाव दिया है ताकि कोरोना के फैलाव को रोका जा सके और इसके साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों के लिए एक स्पष्ट नीति तैयार हो सके।
 श्री मल्होत्रा ने श्रमिकों को जागरूक करने के साथ-साथ स्वच्छता, सोशल डिस्टेंस तथा लॉक डाउन के सिद्धांतों की पालना करने के लिए शिक्षित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।
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